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वरूथिनी एकादशी : इस नियम के साथ व्रत करने पर बड़ी से बड़ी समस्या भी हो जाती है छूमंतर

इस एकादशी का व्रत करने से होती है इच्छा पूरी

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भोपाल

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Shyam Kishor

Apr 13, 2020

वरूथिनी एकादशी : इस नियम के साथ व्रत करने पर बड़ी से बड़ी समस्या भी हो जाती है छूमंतर

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शनिवार 18 अप्रैल को वरूथिनी एकादशी है। इस‍दिन भगवान विष्‍णु के वराह अवतार की पूजा की जाती है। शास्त्रोंक्त ऐसी मान्‍यता है कि इस दिन व्रत रखकर विधि पूर्वक भगवान वराह रूप की पूजा उपासना करने से बड़ी से बड़ी समस्या भी छूमंतर हो जाती है। पुण्य और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। ज्ञात अज्ञात पापों के दुष्फल से छुटकारा मिल जाता है। अगर श्री भगवान की कृपा पाना चाहते हैं तो इन नियमों का पालन करते हुए वरूथिनी एकादशी का व्रत जरूर रखें।

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वरूथिनी एकादशी व्रत पूजा विधि

वरूथिनी एकादशी के दिन भगवान मधुसूदन और विष्णु के वराह अवतार की पूजा की जाती है। इस एकादशी का व्रत रखने के लिए एक दिन पहले ही संकल्प लेकर कुछ नियमों का पालन दृड़ता पूर्वक करने का संकल्प लें। दशमी तिथि के दिन संभव हो तो केवल एक ही समय सात्विक भोजन करें। एकादशी के दिन सुबह स्नान के बाद भगवान विष्णु के वराह अवतार का षोडशोपचार विधि से पूजा अर्चना करें। रात में भगवान के नाम भजन कीर्तन करते हुए जागरण करना चाहिए।

व्रती इन नियमों का पालन करें

1- इस दिन कांसे के बर्तन में भूलकर भी भोजन नही करना चाहिए।

2- मांस मदिरा, मसूर की दाल, चने व कोदों की सब्‍जी एवं शहद का सेवन भी नहीं करना चाहिए।

3- भूमि शयन करते हुए कामवासना का त्‍याग करना चाहिए।

4- व्रत वाले दिन किसी भी प्रकार के गलत काम नहीं करना चाहिए।

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5- इस दिन दिन पान खाने और दातुन करने से बचना चाहिए है।

6- किसी भी बुराई और चुगली नहीं करना चाहिए।

7- इस दिन उपावास रखने वाले जातक क्रोध न करें और न ही झूठ बोलें।

8- वरूथिनी एकादशी के दिन नमक, तेल और अन्‍न वर्जित है।

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