ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सेवाओं के ढांचे को मजबूत बनाने के मकसद से सरकार ने आयुष्यमान सहकार योजना की शुरुआत की है। इसे आयुष्यमान भारत योजना की तर्ज पर लांच किया गया है। गांवों में अस्पतालों की दशा एवं प्रबंधन में सुधार किया जा सके इसी पर योजना का फोकस होगा। ग्रामीणों को इलाज के शहर की ओर न जाना पड़े इसके लिए गांवों में ही बेहतर अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज खोलने पर जोर दिया जाएगा। इसके लिए सस्ते दाम पर लोन मुहैया कराया जाएगा। देश में इस समय करीब 52 अस्पताल सहकारी समितियों द्वारा संचालित हैं। इनमें बिस्तरों की संख्या 5,000 है।
NCDC के मैनेजिंग एडिटर के मुताबिक 9.6 फीसदी की ब्याज दर पर लोन दिए जाएंगे। योजना के तहत एलोपैथी या आयुष अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, लैब, डाग्यनोस्टिक सेंटर, दवा केंद्र आधिक खोलने के लिए ऋण उपलब्ध कराए जाएंगे। कुल दस हजार करोड़ का फंड अभी रखा गया है।लोन लेने के लिए आवेदक को फॉर्म भरकर आवेदन करना होगा। आवेदन प्राप्त होने और उनके सही पाए जाने पर उन्हें ऋण उपलब्ध कराने का कार्य आरंभ किया जाएगा।
आयुष्मान सहकार योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में हॉस्पिटल, हेल्थकेयर व एजुकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना, आधुनिकीकरण, विस्तार, मरम्मत, रिनोवेशन का काम होगा। इसके अलावा सहकारी अस्पतालों की मेडिकल व आयुष शिक्षा शुरू करने में मदद की जाएगी। स्कीम परिचालन जरूरतों को पूरा करने के लिए वर्किंग कैपिटल और मार्जिन मनी भी उपलब्ध कराएगी। इतना ही नहीं महिलाओं की अधिकता वाली सहकारी समितियों को 1 फीसदी का इंट्रेस्ट सबवेंशन उपलब्ध कराया जाएगा।