
Budget 2020: Employed people can not get income tax relief
नई दिल्ली। बजट के मौके पर देश की आम जनता को सबसे ज्यादा उम्मीदें इनकम टैक्स की राहत पर होती हैं। नौकरीपेशा लोगों की नजर में अच्छा बजट वहीं होता है जिसमें आयकर में छूट मिलती है। इस बार जो खबर आ रही है उससे नौकरीपेशा लोगों को बड़ा झटका लग सकता है। इस बार इनकम टैक्स में राहत की उम्मीदें कम हो गई है। जानकारी के अनुसार चालू वित्त वर्ष में सरकार की आय करीब दो लाख करोड़ रुपए कम होने का अनुमान है। जिसकी वजह से देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पास बजट में इनकम टैक्स में राहत देने के विकल्प ना के बराबर हो गए हैं। देखिए रिपोर्ट...
टैक्स में राहत के विकल्प सीमित
इनकम टैक्स में राहत के विकल्प सरकार के पास सीमित होते जा रहे हैं। जैसा कि बार-बार यही कहा जा रहा है कि देश में मंदी का असर साफ दिखाई दे रहा है। सरकार को आय बिल्कुल भी नहीं हो रही है। जो आंकड़े सामने आए हैं वो सरकार के साथ आम जनता के लिहाज से भी बिल्कुल भी अच्छे नहीं है। जानकारी के अनुसार चालू वित्त वर्ष में पर्सनल इनकम टैक्स और कॉरपोरेट इनकम टैक्स से होने वाली कुल आय की तुलना में करीब 1.5 लाख करोड़ रुपए कम रह सकता है। वहीं आर्थिक सुस्ती की वजह से गुड्स सर्विस टैक्स से होने वाली आय टारगेट से 50 हजार करोड़ रुपए कम रह सकती है।
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सरकार ने की थी कॉरपोरेट टैक्स में कटौती
बीते बजट में सरकार की ओर कॉरपोरेट टैक्स को बढ़ाया था। जिसका विरोध सरकार को झेलना पड़ा था। वहीं शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है। जिसका असर देश की इकोनॉमी में देखने को मिल रहा था। जिसके बाद देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सुस्त अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए सितंबर में कॉरपोरेट टैक्स की दरों में कटौती कर दी। वहीं लोगों को इस बात की उम्मीद थी कि पर्सनल इनकम टैक्स में भी इसी तरह की राहत दी जा सकती है। लेकिल राजस्व के लक्ष्य से कम रहने की आशंका को देखते हुए राहत के विकल्प कम हो गए हैं।
सरकारी खजाने पर लगातार बढ़ रहा है दबाव
कॉरपोरेट टैक्स की दरों में 28 साल की सबसे बड़ी कटौती करने के बाद सरकार के खजाने पर दबाव काफी बढ़ गया है। वहीं सरकार ने विदेश पोर्टफोलियो निवेशकों तथा घरेलू संस्थागत निवेशकों के दीर्घ एवं अल्पावधि की पूंजीगत आय पर सेस खत्म करने की भी घोषणा की थी। जिसके बाद सरकार के खजाने पर 1400 करोड़ रुपए का दबाव आ गया।
आय के लिहाज से सरकार के लिए बुरा साल
आय या यूं कहें कि टैक्स कलेक्शन के लिहाज से सरकार के लिए यह साल कुछ खास नहीं रहा तो गलत नहीं होगा। इस बात को खुद पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग के अलावा कई जानकार लोग कह चुके हैं। जानकारों के अनुसार इस बार सरकार राजस्व लक्ष्य से 2.5 लाख करोड़ रुपए कम प्राप्त कर सकती है। खुद सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा था कि टैक्स रेवेन्यू के लिहाज से 2019-20 सरकार के लिए काफी बुरा साल है।
Updated on:
27 Jan 2020 12:58 pm
Published on:
27 Jan 2020 12:57 pm
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