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नई दिल्ली। देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Nirmala Sitharaman ) ने इतिहास रचते हुए अपना पहला आर्थिक सर्वेक्षण ( economic survey ) संसद में आज पेश कर दिया है। प्रचंड बहुतम के साथ लगातार दूसरी बाद सत्ता में आई NDA -2 का यह पहला आर्थिक सर्वेक्षण है। इसके बाद अगले दिन यानी 5 जुलाई को निर्मला सीतारमण संसद में बजट पेश करेंगी। इस इकोनाॅमिक सर्वे में सरकार ने रोजगार के मुद्दे को प्रमुखता से रखा है। सर्वेक्षण में सरकार ने रोजगार पैदा करने के लिए प्राइवेट इन्वेस्टमेंट यानी निजी निवेश पर जोर दिया है। बताते चलें कि अंतरिम बजट 2019 ( interim Budget 2019 ) के दौरान आर्थिक सर्वे पेश नहीं किया गया था, क्योंकि इसे पूर्ण बजट के साथ ही पेश किया जाता है।
भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार के सुब्रमण्यम ( K Subramanian ) और उनकी पूरी टीम ने इस सर्वेक्षण को तैयार किया है। संसद में सर्वेक्षण पेश किए जाने के बाद के सुब्रमण्यम ने कहा, "संतुलित अर्थव्यवस्था से उपर उठकर यह सर्वेक्षण निवेश नियोजित केस तैयार करने पर केंद्रित है, ताकि हम 8 फीसदी की आर्थिक ग्रोथ तक पहुंच सकें। निवेश की वजह से ही हम मांग को पूरा कर सकते हैं, निर्यात और उत्पादन बढ़ाने के साथ नौकरियाें के अवसर को बढ़ा सकते हैं।"
स्वच्छ भारत पर जोर
इकोनाॅमिक सर्वे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी योजना स्वच्छ भारत पर एक खास चौप्टर बनाया गया है। इसमें कहा गया है, "सरकार की पहल से भारत का 98.9 फीसदी हिस्सा स्वच्छ भारत मिशन पहुंच चुका है। अक्टूबर 2014 में इस मिशन के लाॅन्च के बाद अब 16 जून 2019 तक देशभर में कुल 9.5 करोड़ टाॅयलेट बनाया जा चुका है। 2014 से लेकर 2018 के बीच प्रति वर्ष करीब 50 लाख टाॅयलेट बनाया गया। अब हम 3 करोड़ टाॅयलेट प्रति वर्ष बना रहे हैं।" इस चैप्टर में सरका ने स्वच्छ भारत से सुंदर भारत बनाने के बारे में भी बात किया है। सर्वेक्षण में सरकार ने कहा कि देश के 93.1 फीसदी घरों में टाॅयलेअ की सुविधा है।
वित्त वर्ष 2020 में 7 फीसदी जीडीपी रहने का अनुमान
नरेंद्र मोदी सरकार ने इस सर्वेक्षण में MSME ( Mircro, Small and Medium Enterprise ) पर भी विशेष ध्यान दिया है। सर्वेक्षण में सरकार ने लघु एवं मध्यम उद्योगों की मदद से राेजगार के साथ-साथ उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया है। सर्वेक्षण में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए जीडीपी अनुमान 7 फीसदी किया गया है। वहीं, वित्त वर्ष 2018-19 के लिए देश की आर्थिक रफ्तार का अनुमान 6.8 फीसदी लगाया गया है। रोजकोषीय घाटे पर सरकार का कहना है कि वित्त वर्ष 2020-21 में यह घटकर 3 फीसदी रह जायेगा। वहीं, सरकार पर कर्ज के बाेझ के बारे में जानकारी देते हुए सर्वेक्षण में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2024-25 तक कुल जीडीपी का 40 फीसदी रह जायेगा। सरकार प्रमुखता से अपने खर्च पर नजर बनाये हुए है। प्रत्यक्ष कर आधार बढ़ाने के साथ-साथ वस्तु एवं सेवा कर को भी स्थिर करने के लिए सरकार काम कर रही है।
क्या होता है आर्थिक सर्वे
आर्थिक सर्वेक्षण अर्थव्यवस्था के पिछले एक साल का रिपोर्ट कार्ड होता है। इसमें देश की आर्थिक स्थिति की दशा और दिशा के बारे में जानकारी होती है। इसके साथ ही इस सर्वे में ये भी जानकारी दी जाती है कि छोटी और मध्यम अवधि में देश की अर्थव्यवस्था में किस तरह की संभावनाएं हो सकती हैं। इस सर्वे को वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के द्वारा बनाया जाता है। इसके साथ ही इसमें सर्वे के तहत देश की आर्थिक हालत का ब्यौरा पेश किया जाता है। वहीं बीते साल में विकास का क्या ट्रेंड रहा और आने वाले साल में क्या रहेगा। किस क्षेत्र में कितना निवेश हुआ-विकास हुआ। इन सबके बारे में भी इसी रिपोर्ट में जानकारी दी गई होती है।
इकोनॉमिक सर्वे में देश की GDP के बारे में होती है जानकारी
आर्थिक सर्वेक्षण में आने वाले वित्तीय वर्ष के जीडीपी ( GDP ) के बारे में जानकारी होती है कि आने वाले साल में देश का जीडीपी कितना रह सकता है। यह एक बहुत ही अहम दस्तावेज होता है। देश में पहली बार यह सर्वे 1950-51 में जारी किया गया था और वित्त मंत्रालय की वेबसाइट पर 1957-58 से आगे के दस्तावेज भी मौजूद हैं। आर्थिक सर्वेक्षण में भारतीय अर्थव्यवस्था की पूरी तस्वीर दी गई होती है।
फरवरी में क्यों नहीं आया था आर्थिक सर्वे
इस साल 1 फरवरी को वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट पेश किया था। जब सरकार अंतरिम बजट पेश किया जाता है तो उस साल सरकार आर्थिक सर्वेक्षण पेश नहीं करती है। आमतौर पर जिस साल लोकसभा चुनाव होते हैं, उस साल अंतरिम बजट पेश किया जाता है। चुनाव हो जाने पर नई सरकार पूर्ण बजट पेश करती है।
5 जुलाई को पेश होगा बजट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 5 जुलाई को सुबह 11.00 बजे अपने बजटीय भाषण की शुरुआत करेंगी। वित्त मंत्री अपने भाषण की शुरुआत लोकसभा स्पीकर को संबोधित करके शुरू करेंगी। इसके अलावा 8 जुलाई को बजट पर आम चर्चा हो सकती है और 11 से 17 जुलाई के बीच अनुदान मांगों पर भी चर्चा हो सकती है।
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Updated on:
04 Jul 2019 05:24 pm
Published on:
04 Jul 2019 08:24 am
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