
नई दिल्ली। घरेलू शेयर बाजार से लेकर दुनियाभर के बाजारों की नजर फेड रिजर्व की बैठक पर टिकी हुई थी। बुधवार देर रात यूएस फेड रिजर्व ने बैठक के नतीजे जारी किए हैं। US Fed रिजर्व की फेडरल ओपन मार्केट कमिटी (FOMC) ने इस बार ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती की है। साल 2008 के बाद पहली बार फेड रिजर्व ने ब्याज दरों में कटौती की है। पिछले एक दशक में यह अब तक की सबसे बड़ी कटौती मानी जा रही है। हलांकि, अमरीकी राष्ट्रपति बैंक के इस फैसले से खुश नहीं है।
ब्याज दरों में हुई कटौती
यूएस फेड रिजर्व की बैठक मंगलवार को शुरू हुई थी और 2 दिन की मीटिंग के बाद यूएस फेड ने ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वॉइंट की कटौती की है। बैठक के बाद फेड कमेटि ने जानकारी देते हुए बताया कि कर्ज लेने की लागत को जरूरत पड़ने पर और भी कम किया जे सकता है। फेड की बैठक से पहले जानकारों का मानना था कि इस बार की बैठक में बड़ी कटौती की जाएगी, लेकिन फेड रिजर्व की कमेटि ने बैठक में 0.25 फीसदी की कटौती की है, जिससे यूएस की जनता और सरकार दोनों ही नाखुश हैं।
2 से 2.25 फीसदी के बीच रहेंगी दरें
मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार ब्याज दरों को 2 से 2.25 के बीच रखना तय किया गया है, जिसका असर क्रेडिट कार्ड और कई तरह के लोन पर होगा। फेडरल रिजर्व बैंक को उम्मीद है कि ब्याज दरों में कटौती अमेरीकी अर्थव्यवस्था को ठीक रखने के लिए अच्छी साबित होगी।
जारी रहेगी मॉनिटरिंग
अपनी दो दिन की बैठक के बाद फेडरल ने एक बयान जारी कर कहा है कि, इसकी मॉनिटरिंग जारी रहेगी। ब्याज दरों में हुई कटौती के बाद देखा जाएगा कि यह देश की अर्थव्यवस्था को कैसे प्रभावित कर रहा है और अमरीकी अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए यह कटौती अच्छी है या नहीं।
भारतीय रुपए को मिलेगी मजबूती
यूएस फेड रिजर्व की बैठक में हुई कटौती के बाद भारतीय रुपए में भी मजबूती देखने को मिल सकती है क्योंकि ब्याज दरों में कटौती होने से अमरीकी डॉलर पर निगेटिव असर पड़ता है, जिसका सीधा फायदा बारतीय रुपए को मिलता है। वहीं मौजूदा समय में क्रूड के दाम भी कम हुए हैं और आगे आने वाले समय में यह कीमतें स्थिर रहने का अनुमान है।
क्या होता है FOMC
एफओएमसी यानी फेडरल ओपन मार्केट कमिटी है। यह फेडरल रिजर्व सिस्टम के अधीन एक समिति है, जिसे अमरीकी कानून के तहत देश के ओपन मार्केट के संचालन की देखरेख के साथ ब्याज दरों और अमरीकी अर्थव्यवस्था में मुद्रा आपूर्ति की व्यवस्था के बारे में महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए गठित किया गया है।
इससे पहले यूएस फेड की बैठक में लगातार 6 बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की गई है-
| तारीख | बढ़ोतरी | कितनी हुई दर |
| जून 2017 | 25 बेसिस प्वॉइंट | 1.25 फीसदी |
| दिसंबर 2017 | 25 बेसिस प्वॉइंट | 1.50 फीसदी |
| मार्च 2018 | 25 बेसिस प्वॉइंट | 1.75 फीसदी |
| जून 2018 | 25 बेसिस प्वॉइंट | 2.00 फीसदी |
| सितंबर 2018 | 25 बेसिस प्वॉइंट | 2.25 फीसदी |
| दिसंबर 2018 | 25 बेसिस प्वॉइंट | 2.50 फीसदी |
Business जगत से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर और पाएं बाजार,फाइनेंस,इंडस्ट्री,अर्थव्यवस्था,कॉर्पोरेट,म्युचुअल फंड के हर अपडेट के लिए Download करें patrika Hindi News App.
Updated on:
01 Aug 2019 11:41 am
Published on:
01 Aug 2019 10:27 am
बड़ी खबरें
View Allफाइनेंस
कारोबार
ट्रेंडिंग
