रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने हाल ही में ब्याज दरें घटाई थीं। जिसके चलते बॉन्ड यील्ड निचले स्तर पर है। ऐसे में छोटी बचत स्कीम्स में ब्याज और कम होने की आशंका है। केंद्र सरकार की ओर से स्मॉल सेविंग स्कीम की समीक्षा कर ब्याज दरें हर तिमाही आधार (Quarterly Basis) पर तय की जाती है। इससे पहले ब्याज दरों में सालाना आधार पर बदलाव होता था।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड स्कीम में ब्याज दरें घटती-बढ़ती रहती हैं। इसमें सरकार की ओर से तय ब्याज दर लागू होते हैं। अप्रैल-जून 2020 तिमाही में सरकार ने पीपीएफ पर मिलने वाले ब्याज की दर 0.8 फीसदी घटाई थी। जिसके चलते ब्याज दर 7.1 फीसदी हो गया था। इससे पहले जनवरी-मार्च 2020 तिमाही में इस पर 7.9 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा था। मौजूदा तिमाही यानी जुलाई से सितंबर के दौरान ब्याज दरें 7.1 फीसदी है। अब अगर वित्त मंत्रालय ब्याज दर घटाता है तो निवेशकों को कम मुनाफा होगा।
पीपीएफ की तरह इस सुकन्या योजना पर भी ब्याज दरों के घटने या बढ़ने का फर्क देखने को मिलता है। वर्तमान समय में इस पर 7.6 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है। लड़कियों के उज्जवल भविष्य के लिए डाकखाने की ये स्कीम काफी पॉपुलर है। इस योजना में बेटी की शिक्षा से लेकर शादी तक में मदद मिलती है। योजना की खासियत यह है कि इसकी मेच्योरिटी 21 साल है। जबकि निवेश महज 14 साल के लिए ही करना होता है। योजना में अधिकतम 1.50 लाख रुपए सालाना जमा कर सकते हैं। वहीं न्यूनतम राशि 250 है।