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हरियाणा के साथ ये भी राज्य
संसद के चालू बजट सत्र के दौरान लोकसभा के कुछ सदस्यों द्वारा इस योजना के संबंध में पूछे गए अतारांकित सवालों के लिखित जवाब में केंद्रीय कृषि, सहकारिता एवं किसान मंत्रालय ने जो आंकड़े उपलब्ध करवाएं हैं, उनमें 30 जनवरी 2020 तक हरियाणा के चार लाख से अधिक किसानों ने पीएम-केएमवाई में पंजीकरण करवाया है, जो देश के किसी एक राज्य में इस योजना से जुडऩे वाले किसानों की सबसे बड़ी संख्या है। इस मामले में दूसरे स्थान पर बिहार है, जहां पीएम-केएमवाई के तहत 2,71,139 किसानों ने 30 जनवरी 2020 तक पंजीकरण करवाया है। वहीं, झारखंड में 2,45,428 और उत्तर प्रदेश में 2,43,405 किसानों ने उक्त तिथि तक इस योजना के तहत पंजीकरण करवाया है।
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देश में हो चुके हैं इतने किसान रजिस्टर्ड
मंत्रालय द्वारा उपलब्ध करवाए गए आंकड़ों के अनुसार, 30 जनवरी तक देशभर में कुल 19,43,363 किसानों ने पीएम-केएमवाई के तहत पंजीकरण करवाया था। हालांकि इसमें अब वृद्धि हो गई है। कृषि मंत्रालय की वेबसाइट ‘मानधन डॉट इन’ पर उपलब्ध ताजा आंकड़ों के अनुसार, देशभर में कुल 19,49,955 किसान पीएम-केएमवाई के तहत पंजीकरण करवा चुके हैं। लोकसभा सदस्य राजा अमरेश्वर नाईक, जयंत कुमार राय, सुकांत मजूमदार, भोला सिंह और विनोद कुमार सोनकर द्वारा पूछे गए अतारांकित सवालों के लिखित जवाब में यह जानकारी कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की ओर से उपलब्ध करवाया गया है।
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यह मिलता है योजना का लाभ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल सितंबर में झारखंड की राजधानी रांची में एक जनसभा के दौरान प्रधानमंत्री मानधन योजना की घोषणा की थी। सरकार लक्ष्य इस योजना के तहत देश के पांच करोड़ छोटे व सीमांत किसानों को शामिल करना है। पीएम-केएमवाई में 18 से 40 साल की उम्र किसान पंजीकरण करवा सकते हैं और इस योजना के तहत पंजीकृत किसानों के लिए मासिक अंशदान की राशि 55 रुपए से 200 रुपए मासिक है और 60 साल की उम्र तक देय है और इसके बाद उन्हें 3,000 रुपए मासिक पेंशन का लाभ मिलेगा।