अगर आपने बच्चों की पढ़ाई के लिए एजुकेशन लोन ले रखा है तो आपको सेक्शन 80E के तहत राहत मिल सकती है। हालांकि इसके लिए शर्त यह है कि लोन उच्च अध्ययन (भारत या विदेश में) के लिए बैंक या वित्तीय संस्थान से लिया जाना चाहिए। आप उस साल छूट के लिए क्लेम कर सकते हैं जब से लोन की किस्त कटनी शुरू हो।
अगर आप किसी सामाजिक काम के लिए रुपए खर्च करते हैं तो आप सेक्शन 80G के तहत टैक्स में छूट पा सकते हैं। इसमें एचयूएफ या कंपनी या चैरिटेबल संस्था को दिए गए दान शामिल है। छूट के लिए जरूरी है कि दान ऐसी संस्था को दिया गया हो जो सरकार के पास रजिस्टर्ड हो। इससे रिकॉर्ड मेंनटेन करने में आसानी होगी। कटौती का क्लेम कुछ मामलों में 100 फीसदी तक तो कुछ में 50 फीसदी तक या किसी में बिना लिमिट वाला हो सकता है। हालांकि 2000 रुपए से ज्यादा कैश पेमेंट पर कोई छूट नहीं मिलेगा।
अगर कोई व्यक्ति अपने माता-पिता, बच्चे, आश्रित भाई-बहनों और पत्नी के इलाज में खर्च की गई रकम की कटौती के लिए दावा करना चाहता है तो वह सेक्शन 80DDB का इस्तेमाल कर सकता है। इनमें कैंसर, हीमोफीलिया, थैलीसीमिया और एड्स आदि बीमारियां शामिल है। वरिष्ठ नागरिकों के मामले में यह कटौती 1 लाख रुपए तक हो सकती है। इसके लिए मेडिकल प्रमाण पत्र दिखाना होगा।
नेशनल पेंशन स्कीम का लाभ लेने वाले लोग सेक्शन 80CCD (1B) के तहत इनकम टैक्स में 50 रुपए तक की छूट पा सकते हैं। इसके अलावा आप सेक्शन 80C का भी क्लेम साथ में कर सकते हैं। इससे आपको रिटर्न के समय कुल मिलाकर दो लाख रुपए की छूट मिल जाएगी।
अगर आप बचत खाता में जमा रुपए से 10 हजार तक ब्याज पाते हैं तो इसमें आप टैक्स में छूट पा सकते हैं। इसके लिए आपको सेक्शन 80TTA के तहत क्लेम करना होगा। यह छूट हिंदू अविभाजित फैमिली (HUF) के लिए है। यदि बैंक ब्याज से आय 10 हजार से अधिक है, तो उसके बाद की राशि पर टैक्स देना होगा।