बताया जाता है कि इस साल दो अक्टूबर के बाद से अब तक 40 दिनों में, खादी की एक-दिन की बिक्री का आंकड़ा चौथी बार एक करोड़ रुपए की के पार कर गया है। अनलॉक के बाद से देश की अर्थव्यवस्था धीरे—धीरे पटरी पर लौट रही है। मगर सबसे ज्यादा फायदा खादी उद्योग को हुआ है। इस साल गांधी जयंती (दो अक्टूबर) पर खादी इंडिया के कनॉट प्लेस वाले आउटलेट पर 1.02 करोड़ रुपए और 24 अक्टूबर को 1.05 करोड़ रुपए और सात नवंबर को 1.06 करोड़ रुपए की सेल हुई है।
खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) के अध्यक्ष ने खादी उद्योग के दोबारा अपने पैरों पर खड़े होने का श्रेय पीएम मोदी की “स्वदेशी”, विशेषकर खादी को बढ़ावा देने के लिए की गई अपील को दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनका कहना है कि “खादी और ग्रामोद्योग क्षेत्रों की रीढ़ बनाने वाले कारीगरों का समर्थन करने के लिए बड़ी संख्या में खादी प्रेमियों को आते देखकर खुशी होती है। महामारी के बावजूद, खादी कारीगरों ने उत्पादन गतिविधियों को पूरे जोश के साथ जारी रखा और साथी देशवासियों ने भी उसी उत्साह के साथ उनका समर्थन किया।”
लॉकडाउन में भी जारी रहा प्रोडक्शन
कोरोना महामारी के चलते देशभर में हुए लॉकडाउन के दौरान ज्यादातर बिजनेस ठप हो गए थे। मगर इस मुश्किल दौर में भी केवीआईसी ने देश भर में खादी से संबंधित सामान बनाना जारी रखा।इसमें कपड़ों के अलावा फेस मास्क, हैंड वॉश एवं हैंड सेनिटाइजर जैसे प्रोडक्ट का भी बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन किया गया।
कोरोना महामारी के चलते देशभर में हुए लॉकडाउन के दौरान ज्यादातर बिजनेस ठप हो गए थे। मगर इस मुश्किल दौर में भी केवीआईसी ने देश भर में खादी से संबंधित सामान बनाना जारी रखा।इसमें कपड़ों के अलावा फेस मास्क, हैंड वॉश एवं हैंड सेनिटाइजर जैसे प्रोडक्ट का भी बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन किया गया।