ये है पूरी सच्चाई
बैंक के अधिकारियों के अनुसार साल 2016 के नवंबर में जब नोटबंदी हुई थी तब बाजार में बड़े पैमाने पर सिक्के उतारे गए थे। उन सिक्कों को जब वापस बैंकों में जमा किया जाने लगा तो बैंक कर्मचारी उसे लेने में आनाकानी करते थे। तब से ही 10 रुपए के सिक्के के बारे में अफवाह फैलने लगी कि ये सिक्का नकली है। लेकिन ये आपके लिए जानना जरूरी है कि ये सिक्का नकली नहीं है। बैंक कर्मी सिक्का लेने से मना इसलिए करते थे क्योंकि नोटबंदी के वक्त नोटों को तो मशीन से गिन लिया जाता था लेकिन हजारों सिक्कों को गिनना उस समय संभव नहीं था।
rbi ने दी सफाई
पत्रिका बिजनेस आपको बताना चाहता है कि रिजर्व बैंक के प्रवक्ता का कहना है कि जो भी सिक्के जारी किए गए हैं, वह रिजर्व बैंक के नियम के तहत जारी किए गए हैं। इसलिए सभी सिक्के वैध हैं। यानी 10 रुपए के सिक्के नकली नहीं हैं। इसके साथ ही बैंक ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति या बैंक इसे लेने से इनकार करता है तो उसकी सूचना पुलिस को दी जानी चाहिए क्योंकि ऐसा करना अपराध है। सरकार का भी यही कहना है कि सभी सिक्के वैध हैं। ऐसे में अगर सिक्का लेने से इनकार करते हैं तो इसकी सूचना पुलिस को दी जाएगी और उन्हें सात साल की जेल भी हो सकती है।
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