नौकरीपेशा लोगों को बजट से उम्मीदें
अंतरिम बजट पेश करते समय पीयूष गोयल ने ऐलान किया था कि सरकार अपने पूर्ण बजट में देश के नौकरीपेशा लोगों के लिए कुछ अहम फैसला कर सकती है। अब जब देश की पहली महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Nirmala sitharaman ) बजट पेश करेंगी तो मध्यम और नौकरीपेशा लोगों की नजर इस बात पर टिकी होगी कि वित्त मंत्री के पिटारे से उनके लिए कौन सी सौगात मिलने वाली है। मोदी सरकार ने अपने अंतरिम बजट में भी कफी लोगों को संतुष्ट करने की कोशिश की थी। वहीं, नौकरीपेशा लोगों को मोदी सरकार ने अपने अंतरिम बजट में कुछ राहत दी थी। पीयूष गोयल ने स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40,000 रुपए से बढ़कर 50,000 रुपए कर दिया था। आइए आपको बताते हैं कि देश के नौकरीपेशा लोग वित्त मंत्री से क्या उम्मीद लगा कर बैठे हुए हैं-
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टैक्स सिस्टम को आसान बनाया जा सकता है
इस बार के बजट में नौकरी पेशा लोग उम्मीद कर रहे हैं कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एनपीएस को और व्यवहारिक बनाने का ऐलान कर सकती हैं। इससे लोगों को टैक्स का सिस्टम समझने में भी आसानी होगी। देश की आम जनता को शिकायत है कि इंप्लाई प्रोविडेंड फंड ( EPF ) और पब्लिक प्रोविडेंट फंड ( PPF ) में टैक्सेशन रूल को लेकर सरकार को कुछ बदलाव करने चाहिए, जिससे नौकरीपेशा लोगों को थोड़ी राहत मिल सके। इस समय टैक्स प्रणाली में NPS का अभाव है।
चैप्टर 6A की कटौतियों की सीमा में बढ़ोतरी
इसके अलावा नौकरीपेशा लोगों को चैप्टर 6A में भी कटौतियों की उम्मीद है। आम जनता को उम्मीद है कि वित्त मंत्री इस संबंध में डेढ़ लाख रुपए की सीमा को बढ़ाकर दो लाख रुपए तक कर सकती हैं, जिससे कि लोगों को निवेश करने का मौका मिले। इसके साथ ही देश में डिजिटल निवेश को बढ़ावा भी मिलेगा। आपको बता दें कि इस संबध में साल 2014 में बढ़ोतरी की गई थी। 2014 के बाद से इसमें किसी भी तरह का कोई बलाव नहीं किया गया है। तो इस बार नौकरीपेशा लोगों को उम्मीद है कि इस मोर्चे पर लोगों को कुछ राहत मिल सकती है।
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टैक्स की सीमा को भी बढ़ा सकती है सरकार
इस समय आम जनता को टैक्स में भी छूट मिलती है, जिसके बाद करदाता को अपनी आय का 12,500 रुपए तक टैक्स के रूप में छूट मिली हुई है। देश के मध्यम वर्ग को उम्मीद है कि वित्त मंत्री बेसिक एक्जेंपशन सीमा को भी बढ़ा सकती है। अगर सरकार इस सीमा को बढ़ा देती है तो आम जनता को काफी राहत मिल सकती है।
डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा
इसके अलावा डिजिटल लेनदेन को भी बढ़ावा भी मिल सकता है। भारत में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को और मजबूत करने के लिए कुछ और नई घोषणाएं की जा सकती हैं। तकनीकी को बेहतर बनाने के लिए कदम उठाए जा सकते हैं। इसके अलावा नौकरीपेशा लोगों को तकनीकी के मोर्चे पर भी कुछ राहत मिल सकती है।
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