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मोदी ने माना मनमोहन का लोहा, अब रुपए की गिरावट रोकने के लिए चलेंगे यह चाल

2013 में मनमोहन सरकार के इस कदम से रुपए की गिरावट पर रोक लग गई थी।

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Modi vs Manmohan

मोदी ने माना मनमोहन का लोहा, अब रुपए की गिरावट रोकने के लिए चलेंगे यह चाल

नई दिल्ली। डॉलर के मुकाबले में भारतीय रुपए में लगातार गिरावट हो रही है। सरकार रुपए की इस गिरावट को रोकने के लिए सभी कारगर कदम उठा रही है। लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हो रहा है। इससे पहले 2013 में भी मनमोहन सरकार के समय रुपए में लगातार गिरावट हो रही थी। तब अर्थशास्त्री पीएम मनमोहन सिंह ने अपनी एक चाल से रुपए की गिरावट को रोक दिया था। अब मोदी सरकार भी रुपए की गिरावट रोकने के लिए मनमोहन सरकार में उठाए गए कदमों को लागू करने पर विचार कर रही है। यदि आने वाले एक-दो दिन में रुपए की गिरावट पर रोक नहीं लगती है तो मोदी सरकार 2013 में किए गए प्रयासों को दोबारा शुरू करेगी।

ये करने की योजना बना रही मोदी सरकार

दरअसल 2013 में मनमोहन सरकार ने रुपए की लगातार गिरावट को रोकने के लिए विदेशों में बसे भारतीय नागरिकों की मदद ली थी। तब भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अप्रवासी भारतीयों की मदद से 34 बिलियन डॉलर के मूल्य का करेंसी स्वैप किया था। एेसा करने से रुपए की गिरावट थम गई थी। इस योजना के तहत आरबीआई ने अप्रवासी भारतीयों से सस्ते दर पर डॉलर खरीदे थे। अब मोदी सरकार भी इसी प्रकार से अप्रवासी भारतीयों से मदद लेने की योजना बना रही है। इसके लिए केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने पूरी तैयारी कर ली है।

अमरीकी फर्म ने भी की वकालत

रुपए में लगातार हो रही गिरावट को रोकने के लिए अमरीका की ब्रोकरेज फर्म सीएलएसए ने भी 2013 जैसे कदम उठाने की वकालत की है। अमरीकी फर्म ने कहा है कि यदि मोदी सरकार फिर 2013 की तरह एनआरआई बॉन्ड की मदद से 30 से 35 बिलियन डॉलर जुटा लेती है तो इससे रुपए की गिरावट पर ब्रेक लग सकता है। साथ ही सरकार को अपना चालू खाता घाटा कम करने में भी मदद मिल सकेगी। आपको बता दें कि रुपए की गिरावट रोकने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक अपने स्तर पर कई कदम उठा रहा है लेकिन इसका कोई फायदा नहीं मिल रहा है।