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कैश या प्लास्टिक मनी: डिजिटल पेमेंट के बाद भी जेब में नोट रखना लोगों की पहली पंसद

locationनई दिल्लीPublished: Jul 28, 2019 05:12:20 pm

Submitted by:

Ashutosh Verma

नहीं कम हो रही एटीएम से नकदी निकासी।
फिलहाल देश में 21.1 लाख करोड़ रुपये की करंसी सर्कुलेशन में।
उत्तर प्रदेश में नकदी की सबसे अधिक मांग।

Indian Rupee

आज का पंचांग 2019

नई दिल्ली। सरकार की लाख कोशिशों की बाद भी आम जनता को नकदी खूब भा रही है। आम लोग भी डिजिटल माध्यम से पेमेंट ( Digital payment ) को लेकर सजग नहीं दिखाई दे रहे हैं। भारत में अभी एटीएम से पैसे निकालने की संख्या में कमी होते नहीं दिखाई दे रही है।

नोटबंदी के बाद भी करंसी नोट की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है। हाल ही में एटीएम रिप्लेनिशमेंट डेटा और नकदी सर्कुलेशन से जुड़े आंकड़े में इस बारे में जानकारी मिली है।

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5 जुलाई 2019 तक देश में कुल करंसी सर्कुलेशन करीब 21.1 लाख करोड़ रुपये रहा। जोकि पिछले साल की सामान अवधि में यह आंकड़ा 18.7 लाख करोड़ रुपये रहा था। इस प्रकार बीते एक साल में कुल करंसी सर्कुलेशन में करीब 13 फीसदी का इजाफा हुआ है।

क्यों है नकदी की इतनी मांग

नोटबंदी के बाद से ही अर्थव्यवस्था में करंसी सर्कुलेशन को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने कई तरह के जरूरी कदम उठाया। इनमें कई जगहों पर डिजिटल पेमेंट अनिवार्य करने से लेकर बड़े अमाउंट में कैश पेमेंट पर टैक्स लगाने जैसे कदम उठाये गये। एक कैश कंपनी द्वारा 53 हजार एटीएम मशीनों के डेटा पता चलता है कि जिन राज्यों में साक्षरता कम है या फिर जहां शिक्षा और काम के लिए पलायन करने वाले अधिक लोग रहते हैं, उन राज्यों में नकदी की मांग में तेजी आई है।

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इन राज्यों में कम रही नकदी की मांग

जून माह में उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक बार एटीएम मशीनों में नकदी भरा गया। यूपी के बाद ओडि़शा, कर्नाटक, नई दिल्ली, पश्चिम बंगाल जैसे राज्य शामिल रहे। उत्तर प्रदेश में औसतन जून माह में एटीएम के लिए करीब 1.36 करोड़ रुपये नकदी की मांग रही। अप्रैल 2015 में यह डेटा 1 करोड़ का ही था। इसी से आप अंदाजा लगा सकते हैं यूपी में नोटबंदी के नकदी की मांग में करीब 30 फीसदी का इजाफा रहा। एक एटीएम संचालन कंपनी के डेटा के मुताबिक, गोवा, केरल, जम्मू & कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और त्रिपुरा में नकदी की सबसे कम डिमांड रही।

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