ये एक ऐसी प्रणाली है जिसमें चेक जारी करने वाले व्यक्ति को SMS, मोबाइल ऐप, इंटरनेट बैंकिंग या ATM के जरिए चेक से जुड़ी कुछ जानकारी बैंक को देनी होगी। इसमें चेक की तारीख, लाभार्थी का नाम, प्राप्तकर्ता (Payee) और पेमेंट की रकम आदि शामिल होंगे। पॉजिटिव पे सिस्टम के तहत ऐसे चेक की जानकारियों को क्रॉस चेक किया जाएगा, जिससे गड़बड़ी की कोई संभावना न हो। इस दौरान अगर किसी भी तरह की गलती मिलती है तो चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS Cheque Truncation System) द्वारा इसे मार्क करेगा। इसकी जानकारी ड्रॉई बैंक (जिस बैंक में चेक पेमेंट होना है) और प्रेजेंटिंग बैंक (जिस बैंक के अकाउंट से चेक जारी हुआ है) को दी जाएगी।
पॉजिटिव पे सिस्टम को विकसित करने का काम ‘नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया’ (NPCI) करेगी। यही सीटीएस में ये नई सुविधा को शामिल करेंगी और दूसरे बैंकों को इससे जोड़ेगी। केंद्रीय बैंक के अनुसार पॉजिटिव पे सिस्टम 1 जनवरी 2021 से लागू होगा। इस बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए आरबीआई ने बैंकों को वोइस फीचर्स का इस्तेमाल करने की सलाह दी है।