
नई दिल्ली। बैंकिंग सेक्टर की स्थिति में अभी कोई सुधार होता दिखाई नहीं दे रहा है। यस बैंक का मामला अभी चल रहा है। दूसरी ओर पंजाब एंड को-कॉरपरेटिव बैंक का मामला भी दोबारा से सुलग रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से पीएमसी लगे प्रतिबंधों को और तीन महीने के लिए बढ़ा दिया है। आबीआई की ओर से यह जानकारी एक नोटिस के जरिए दी गई है। आपको बता दें कि पीएमसी पर आरबीआई की ओर से 23 सितंबर 2019 को लगाए थे। यह सभी प्रतिबंध बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट, 1949 के सेक्शन के 35ए के तहत लगे थे।
आखिर क्यों बढ़ाया प्रतिबंध
आरबीआई के अनुसार वो लगातार पीएमसी बैंक पर करीब से नजर बनाए हुए हैं। बैंक प्रशासन और सलाहकार समीति के बैठकों का दौर चल रहा है। आरबीआई लगातार सिक्योरिटीज की बिक्री और लोन रिकवरी की प्रक्रिया को बढ़ाने का प्रयास कर रही है। लीगल प्रोसेस में देरी हो रही है। आरबीआई की ओर से अपने नोटिस में कहा गया है कि आरबीआई के पास पीएमसी के लिए प्राइवेट बैंक की तरह रिकन्सट्रक्शन प्लान लेकर आने का अधिकार नहीं है। खाताधारकों के हितों को ध्यान में रखा जा रहा है। को-ऑपरेटिव बैंकिंग सेक्टर में स्थिरता लाने की कोशिश की जा रही है। जिसके लिए रिजर्व बैंक स्टेक होल्डर्स और अथॉरिटीज के भी संपर्क में है। जिसकी वजह से प्रतिबंध की अवधि को बढ़ा दिया गया है।
प्रतिबंध में कोई बदलाव नहीं
आरबीआई की ओर से जारी नए नोटिस में साफ किया गया कि बैंक पर जो प्रतिबंध 23 सितंबर 2019 को लगाए थे, उन्हें और आगे तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गाय है। जिसकी अवधि 23 मार्च 2020 से लेकर 22 जून 2020 तक होगी। प्रतिबंध के तहत बैंक किसी को कर्ज नहीं दे पाएगा। खाताधारक तय सीमा से अधिक रुपया नहीं निकाल सकेंगे। मौजूदा समय में विदड्रॉल लिमिट 50000 रुपए है। इस अवधि में ना किसी को लोन रिन्यू होगा ना ही कोई निवेश किया जाएगा। इस अवधि में कोई नई डिपोजिट नहीं की जाएगी। बैंक किसी भी देनदारी के लिए कोई पेमेंट भी नहीं कर पाएगा।
Updated on:
22 Mar 2020 01:20 pm
Published on:
22 Mar 2020 01:19 pm
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