
RBI loan restructuring scheme for companies individuals in corona time
नई दिल्ली। 100 सालों की सबसे बड़ी महामारी के दौरान पैदा हुए आर्थिक संकट से निपटने के लिए केंद्र सरकार ( Government of India ) और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ( reserve bank of india ) तमाम कदम उठा रही है। अब आरबीआई ( RBI ) 12 साल के बाद एक बार फिर से ऐसी स्कीम लेकर आ रही है जिससे देश के उन तमाम लोगों को बैंकों से लिए कर्ज की ईएमआई में फायदा मिलेगा। जी हां, यह सुविधा है लोन रीस्ट्रक्चरिंग ( Loan Restructuring ) जिससे आम लोगों को राहत मिलेगी। उन तमाम एमएसएमई ( MSME ) को राहत मिलेगी जो लॉकडाउन की भेंट चढ़ चुकी है। उन सेक्टर को राहत मिलेगी जो नुकसान झेल रहे हैं। जिसकी वजह से लोन रीस्ट्रक्चरिंग स्कीम ( Loan Restructuring Scheme ) को मंजूरी दी गई है।
लोन रीस्ट्रक्चरिंग स्कीम को मंजूरी
आरबीआई की मौद्रिक समीक्षा बैठक में सभी को लोन मोराटोरियम बढऩे की उम्मीदें थी, लेकिल आरबीआई गवर्नर की ओर से इसका नाम तक नहीं लिया, लेकिन लोन रीस्ट्रक्चरिंग स्कीम को मंजूरी दे दी। इस स्कीम का फायदा यह होगा कि सरकार के इनसॉल्वेंसी और बैंकरप्सी कोड को कुछ समय के लिए ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा। रिजर्व बैंक के गवर्नर की ओर से कहा गया है कि कई तरह के बिजनेस जैसे होटल, एयरलाइंस, आदि काफी नुकसान में है। कई कंपनियां बंद हो गई हैं। कुछ फैक्ट्रियों का प्रोडक्शन इसलिए कम हैं, क्योंकि डिमांड काफी कम है। नौकरियों से लोगों को निकाला जा रहा है। जिसकी वजह से बिजनेस को लंबे तक नुकसान उठाना पड़ सकता है। ऐसे में लोन को रीस्ट्रक्चर करने का फैसला लिया गया है।
कैसे कम होगी आपकी ईएमआई
आरबीआई के नियम के अनुसार, बैंकों को लोन रीस्ट्रक्चर हुए रुपए का 10 फीसदी राशि को अलग से रखना होगा। ताकि फ्यूचर में हुए किसी भी नुकसान से निपटने में आसानी हो। जिसके बाद सरकार को उन पीएसयू बैंकों को लिक्विडिटी मुहैया कराएगी, जो दो तिहाई बिजनेस को चला रहे हैं। इस योजना पर एक एक्सपर्ट पैनल काम करेगा, जिसकी अगुवाई दिगज्ज बैंकर केवी कामत कर रहे हैं। आपको बता दें कि इससे पहले इस योजना को 2008 की आर्थिक मंदी के दौरान यूपीए 1 की सरकार लेकर आई थी। जिससे कंपनियों और आम लोगों को काफी राहत मिली थी। अब देखने वाली बात यह होगी कि इस बार आम जनता को किस तरह से राहत मिलती है।
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इन लोगों को नहीं मिलेगी यह सुविधा
- जानकारी के अनुसार रीस्ट्रक्चरिंग के तहत शुरुआती सालों में कम ईएमआई का भुगतान करना होगा।
- रिजर्व बैंक की स्कीम कर्जदाताओं को मोराटोरियम की सुविधा को और आगे बढ़ाने का भी विकल्प देगी।
- कर्ज की समय सीमा को 2 साल से अधिक नहीं बढ़ाया जा सकेगा।
- जिन्होंने मोराटोरियम की सुविधा से पहले डिफॉल्ट किया है वो इस सुविधा का लाभ नहीं ले पाएंगे।
- यह सुविधा फाइनेंशियल सेक्टर की इकाइयों, केंद्र और राज्य सरकारों और नगर पालिका आदि के लिए नहीं होगी।
होम लोन वालों को करना होगा इंतजार
वहीं दूसरी जिन लोगों की ओर से होम लिया है और लोन मोराटोरियम का लाभ लेते ईएमआई का भुगतान नहीं कर रहे थे, उन्हें इस नई स्कीम के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा। जानकारी के अनुसार जब तक बैंक या हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां लोन रीस्ट्रक्चरिंग स्कीम का ऐलान नहीं कर देती हैं, तब तक उन्हें इस सुविधा से वंचित रहना होगा। आपको बता दें कि लोन मोराटोरियम की सीमा 31 अगस्त को खत्म हो रही है।
लोन मोराटोरियम और रीस्ट्रक्चर में अंतर
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से लोन मोराटोरियम में आम लोगों को किस्ते ना देने की छूट मिली हुई थी। इस दौरान के ब्याज को बैंक अपने प्रिंसीपल अमाउंट में जोड़ देते हैं। जब ईएमआई शुरू होगी तो आपको टोटल बैलेंस पर ब्याज भी देना होगा। यानी मोराटोरियम के दौरान ब्याज पर ब्याज भी जाएगा। वहीं दूसरी ओर लोन रिस्ट्रक्चरिंग में बैंकों द्वारा तय किया जाएगा कि ईएमआई को घटाया जाएगा या लोन का पीरियड बढ़ाया जाएगा। सिर्फ ब्याज को वसूला जाएगा या फिर ब्याज दर को कम किया जाएगा।
Published on:
07 Aug 2020 08:34 am
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