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VIDEO: RBI MPC Meet: Reserve Bank ने Repo Rate में नहीं किया बदलाव, अभी करना होगा इंतजार

locationनई दिल्लीPublished: Aug 06, 2020 02:04:04 pm

Submitted by:

Saurabh Sharma

RBI MPC Meet के बाद Governor Shaktikanta Das की ओर से सुनाया गया फैसला
मौजूदा समय में Repo Rate 4 फीसदी पर है बरकरार, इस साल 1.15 फीसदी की हो चुकी है कटौती

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RBI MPC Meet: Reserve Bank did not change Repo rates, know many more

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ( reserve bank of india ) एमपीसी की बैठक के बाद गवर्नर शक्तिकांत दास ( Shaktikanta Das ) ने फैसला सुनाते हुए कहा कि ब्याज दरों में कोई बदलाव ( Repo Rate Unchanged ) नहीं किया गया है। इस बार वो ही ब्याज दरें रहेंगी जो मई 2020 में बदलाव के बाद जारी थी। मई के महीने में आरबीआई एमपीसी ( RBI MPC ) ने 40 आधार अंकों की कटौती की थी। वहीं इस साल दो बार कटौती देखने को मिल चुकी है। आरबीआई रेपो दरों ( Repo Rate ) में 1.15 फीसदी की कटौती और बीते साल फरवरी से अब 2.50 फीसदी की कटौती कर चुकी है। मौजूदा समय में रेपो रेट 4 फीसदी पर है। रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर ही है। एमएसएफ बैंक रेट 4.25 फीसदी पर बरकरार रखा गया है।

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AIR में हुआ इजाफा
वहीं बात सालाना महंगाई दर यानी एनुअल इंफ्लेशन रेट की बात करेें तो मौजूदा समय में 6.09 फीसदी पर पहुंच गई है, जोकि मार्च के 5.84 फीसदी के मुकाबले काफी ज्यादा है। जानकारों की मानें तो यह दा आाबीआई के मीडियम टर्म टारगेट से ज्यादा है। रिजर्व बैंक की ओर से इंफ्लेशन रेट का टारगेट 2 से 6 फीसदी तक रखा है। आने वाले महीनों में इसके और बढऩे की संभावना हैं। जानकारों की मानें तो महंगाई दर 8 फीसदी तक जा सकती है। आने वाले महीनों में कोरोना वायरस का और ज्यादा देखने को मिल सकता है।

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हो सकती है नेगेटिव ग्रोथ
रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 की पहली छमाही यानी सितंबर 2020 में जीडीपी में गिरावट देखने को मिलेगी। मौजूदा हालातों को देखते ऐसा लग रहा है कि पूरे वित्त वर्ष जीडीपी ग्रोथ रेट नेगेटिव रह सकती है। आंकड़ों पर आरबीआई की ओर से कोई बयान जारी नहीं किया है। आपको बता दें कि मौजूदा समय में दुनिया की वैश्विक जीडीपी को काफी नुकसान झेलने को मिल रहा है। भारत में एग्रीकल्चर सेक्टर में ग्रोथ अच्छा होने के चलते बेहतरी की संभावनाएं बनी हुई हैं।

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दोबारा कम हुई आर्थिक गतिविधियां
गवर्नर के अनुसार एमपीसी की ओर से महसूस किया गया है देशव्यापी लॉकडाउन के बाद जब अनलॉक की प्रक्रिया को शुरू किया गया था तो आर्थिक गतिविधियों में तेजी देखने को मिली थी, लेकिल कोरोना वायरस के मामलों में तेजी आई और लोकल लॉकडाउन के कारण फिर से आर्थिक गतिविधियों में विराम लग गया। इसी की वजह से जो इंडीकेटर्स पॉजिटिव नोट पर थे , वो एक बार फिर से नीचे की ओर जाने लगे हैं।

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गोल्ड लोन के मूल्य में किया इजाफा
आरबीआई के अनुसार उन्होंने गोल्ड लोन को लोगों के फायदे लिए और ज्यादा आकर्षक और मूल्यवान बना दिया गया है। पहले गोल्ड की कुल वैल्यू के मुकाबले 75 फीसदी लोन राशि दी जाती थी, जिसे कोरोना से निपटने के लिए 90 फीसदी तक कर दिया गया है। यह सुविधा 31 मार्च 2021 तक के लिए ही है। वहीं दूसरी ओर रिजर्व बैंक ने नैशनल हाउसिंग बैंक, नाबार्ड को 10 हजार करोड़ का एडिशनल फंड देने का ऐलान भी कर दिया है।

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