
फंसे कर्ज के रिजॉल्युशन को लेकर आरबीआई ने जारी किया नया सर्कुलर, 1 दिन के नियम को बदला
नई दिल्ली।भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को फंसे कर्ज को रिजॉल्व करने की प्रक्रिया को लेकर रिवाइज्ड सर्कुलर जारी कर दिया है। इसके पहले गत 2 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई के 12 फरवरी वाले सर्कुलर को खारिज कर दिया था। इस सर्कुलर में केंद्रीय बैंक ने एक दिन के डिफॉल्ट होने पर भी रिजॉल्युशन या लोन रिस्ट्रक्चरिंग प्रक्रिया को शुरू करना अनिवार्य कर दिया था।
एक दिन के डिफॉल्ट के नियमों को बदलते हुए आज आरबीआई ने कहा कि अब उधारकर्ताओं को अब डिफॉल्ट के 30 दिनों के अंदर अकाउंट देखना होगा। इसके बाद ही इस डिफॉल्ट के खिलाफ रिजॉल्युश प्लान को शुरू करना होगा। आइए जानते हैं कि आरबीआई के इस नए सर्कुलर में क्या-क्या है।
1. स्ट्रेस्ड परिसंपत्तियों के समाधान के लिए नए फ्रेमवर्क के तहत बैंक 30 दिनों के अंदर ही रिजॉल्युशन प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। 12 फरवरी के सर्कुलर में यह केवल एक दिन का ही था।
2. फंसे कर्ज के रिजॉल्युशन के तहत उधारकर्ताओं को बोर्ड से मंजूरी मिली नीतियों का ही पालन करना होगा।
3. क्रेडिटर्स की तरफ से पहले 100 फीसदी मंजूरी को बदलकर आरबीआई ने अब कहा है कि 75 फीसदी रिजॉल्युशन की मंजूरी को मान्य कर दिया है।
4. लेनदारों से 100 फीसदी अनुमोदन के अपने पहले मानदंड को बदलते हुए, आरबीआई ने अब मंजूरी के लिए 75 फीसदी लेनदारों के अनुमोदन की अनुमति दी है।
5. उधारकर्ताओं के पास रिजॉल्युशन प्लान को लागू करने, डिजानइ करने की पूरी छूट होगी।
6. सभी उधारदाताओं द्वारा अंतर-लेनदार समझौते ( ICA ) पर हस्ताक्षर करने के लिए अनिवार्य। इसी से बहुमत के निर्णय लेने के मानदंडों को मंजूरी मिलेगी।
7. उधारकर्ताओं को 180 दिनों के अंदर ही 2,000 करोड़ रुपए के एनपीए को रिजॉल्व करना होगा।
8. उधारकर्ताओं को रिजॉल्युशन प्रक्रिया में देरी के लिए अधिक प्रावधान प्रदान करना होगा।
9. संयुक्त उधार फोरम JLF मैकेनिज्म वापस ले लिया गया है।
Published on:
07 Jun 2019 07:05 pm
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