आरबीआई का अनुमान, अगले 6 महीनों तक 5.1 फीसदी रह सकती है देश में खुदरा महंगाई
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से वित्त वर्ष की पहली मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक के बाद रेपो दरों में किसी तरह के बदलाव को ना करने का फैसला किया है। वहीं वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी में 10.5 फीसदी की ग्रोथ का अनुमान लगाया है।

नई दिल्ली। आम लोगों को रिजर्व बैंक की ओर से कोई राहत नहीं मिली है। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2021-22 की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए रेपो दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। वहीं दूसरी ओर वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी में 10.5 फीसदी के ग्रोथ का अनुमान लगाया है। आरबीआई गवर्नर के अनुसार वैक्सीनेशन और इसका प्रभावी होना वैश्विक आर्थिक रिकवरी के लिए अहम है। रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को चार फीसदी, रिवर्स रेपो रेट को 3.35 फीसदी, बैंक रेट को 4.25 फीसदी पर बनाए रखा है। गवर्नर ने कहा कि टिकाऊ वृद्धि के लिए जब तक जरूरत है नीतिगत रुख को उदार रखा जाएगा। इससे आने वाले समय में ब्याज दरों में कमी की गुंजाइश बनी हुई है।
RBI keeps repo rate unchanged at 4%, maintains accommodative stance; Reverse repo rate stands at 3.35% pic.twitter.com/Nm9Lbxd8DH
— ANI (@ANI) April 7, 2021
महंगाई के अनुमान मेें किया बदलाव
कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स इंफ्लेशन में आरबीआई ने बदलाव किया है। आरबीआई की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार 2021 की चौथी तिमाही में सीपीआई इंफ्लेशन 5 फीसदी का अनुमान लगाया गया है। जबकि 2021-22 की पहली और दूसरी तिमाही में यह अनुमान 5.2 फीसदी, तीसरी तिमाही में 4.4 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.1 फीसदी रखा है। 31 मार्च 2021 को, सरकार ने अगले पांच वर्षों के लिए क्रमश: 2 फीसदी और 6 फीसदी के निचले और ऊपरी टॉलरेंस लेवल के साथ महंगाई के टारगेट को 4 फीसदी पर बनाए रखने की बात कही है। जो अप्रैल 2021 से मार्च 2026 तक रहेगी।
The projection for CPI inflation has been revised to 5% in Q4 of 2021, 5.2%, in Q1 of 2021-22, 5.2% also in Q2 of 2021-22, 4.4% in Q3, and 5.1% in Q4 with risks broadly balanced: RBI Governor Shaktikanta Das pic.twitter.com/rr1D29e77B
— ANI (@ANI) April 7, 2021
बाजार को नहीं होगी तरलता की कमी
आरबीआई गवर्नर की ओर से दिए बयान के अनुसार कोविड 19 के बढऩे मामलों की वजह से राज्यों की ओर से कुछ कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं। जिससे घरेलू विकास में थोड़ी बाधा पहुंचने के आसार बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि इन परिस्थितियों में भी भारतीय रिज़र्व बैंक पर्याप्त तरलता के साथ बाज़ार का समर्थन करता रहेगा। उन्होंने कहा कि 50,000 करोड़ रुपए का ताजा ऋण सभी भारतीय वित्तीय संस्थानों को प्रदान किया जाएगा।
Fresh lending of Rs 50,000 crores will be provided to all India financial institutions: RBI Governor Shaktikanta Das on Monetary Policy
— ANI (@ANI) April 7, 2021
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