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सुप्रीम कोर्ट ने कहा- कर्जदारों की पहचान बताने के लिए RBI अधिनियम में संशोधन हो

ऑल इंडिया बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन (AIBAE) के एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को यह बात कही। महासचिव सीएच वेंकटचलम ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने बैंकों के फंसे हुए कर्ज (NPA) के मुद्दे पर एआईबीईए के रुख पर मुहर लगाई है। भारतीय बैंकिंग प्रणाली में फंसे हुए कर्ज की रकम वित्त वर्ष 2017-18 तक कुल 8,95,600 करोड़ रुपये हो चुकी है।

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा- कर्जदारों की पहचान बताने आरबीआई अधिनियम में संशोधन हो

नई दिल्ली।सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के आलोक में सरकार को भारतीय रिजर्व बैंक ( rbi ) अधिनियम में जल्द या बाद में संशोधन करना ही होगा और समय-समय पर कर्जदारों के नाम प्रकाशित करने होंगे। ऑल इंडिया बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन ( AIBAE ) के एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को यह बात कही।

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सर्वोच्च न्यायालय ने बैंकों के फंसे हुए कर्ज के मुद्दे पर एआईबीईए के रुख पर मुहर लगाई

शीर्ष अदालत द्वारा आरबीआई को बैंकों की जांच रिपोर्ट और कर्जदारों के नामों का खुलासा करने के आदेश का स्वागत करते हुए एआईबीईए के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने बैंकों के फंसे हुए कर्ज ( NPA ) के मुद्दे पर AIBAE के रुख पर मुहर लगाई है। उन्होंने कहा, "जल्द या बाद में सरकार और आरबीआई को आरबीआई अधिनियम में संशोधन करना ही होगा और समय-समय पर बड़े कर्जदारों के नामों का प्रकाशन करना ही होगा, ताकि देश को पता तो चले कि ये कर्जदार कौन हैं, जो लोगों के धन का गबन कर रहे हैं।"

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वेंकटचलम ने कहा कि कुल 9,331 जानबूझकर कर्ज नहीं चुकानेवाले कर्जदारों के पास 31 मार्च, 2018 तक कुल 1,22,018 करोड़ रुपये बकाया है। भारतीय बैंकिंग प्रणाली में फंसे हुए कर्ज की रकम वित्त वर्ष 2017-18 तक कुल 8,95,600 करोड़ रुपये हो चुकी है।

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