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देशवासियों को बड़ा झटका, थोक महंगार्इ दर बढ़कर हुर्इ 5.77 फीसदी

Published: Jul 16, 2018 01:13:02 pm

Submitted by:

Saurabh Sharma

देश में जून महीने में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित महंगाई दर बढ़कर 5.77 फीसदी हो गई।

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देशवासियों को बड़ा झटका, थोक महंगार्इ दर बढ़कर हुर्इ 5.77 फीसदी

नई दिल्ली। देश में महंगार्इ लगातार बढ़ती जा रही है। जिसकी वजह से देश के लोगों को दिक्ककों का सामना करना पड़ रहा है। अब जो रिपोर्ट सामने आर्इ है वो आैर भी ज्यादा परेशान करने वाली है। जूल माह में थोक महंगार्इ दर में इजाफा हो गया है। ताज्जुब की बात तो ये है कि मर्इ के मुकाबले में जून की महंगार्इ दर 1.34 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है। आइए आपको भी बताते हैं कि देश में थोक महंगार्इ दर में कितना इजाफा हुआ है।

देश में बढ़ी एक बार फिर से महंगार्इ
देश में जून महीने में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित महंगाई दर बढ़कर 5.77 फीसदी हो गई। यह दर मई 2018 में 4.43 फीसदी थी। यानि थोक महंगार्इ दर में मात्र एक महीने में 1.34 फीसदी का इजाफा हो चुका है। वाणिज्य मंत्रालय के गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, जून 2017 में यह दर 0.90 फीसदी थी। इससे पहले खुदरा महंगार्इ दर के आंकड़ों में इजाफा हुआ था।

खुदरा महंगार्इ दर में हुआ था इजाफा
खुदरा महंगाई लगातार तीसरे महीने बढ़ी है और यह इसका इस साल जनवरी (5.07 फीसदी) के बाद का उच्चतम स्तर है। खास बात यह है कि खाद्य पदार्थों की महंगाई दर में कमी के बावजूद जून में इसका ग्राफ ऊपर गया है जो सरकार के लिए चिंता की बात हो सकती है। खाद्य खुदरा महंगाई दर 2.91 फीसदी दर्ज की गई है जो मई में 3.10 फीसदी रही थी। पिछले साल जून में सामान्य खुदरा महंगाई दर 1.46 फीसदी और इस साल मई में 4.87 फीसदी रही थी।

जून में 8.45 फीसदी महंगे हुए आवास
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय की ओर से पिछले हफ्ते गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल जून की तुलना में इस साल जून में आवास 8.45 फीसदी महंगे हुए हैं। ईंधन तथा बिजली खंड की महंगाई दर 7.14 फीसदी रही। मुख्य रूप से एक साल पहले की तुलना में पेट्रोल तथा डीजल की कीमतों में तेज वृद्धि के कारण इस खंड की महंगाई दर ज्यादा रही है। खाद्य पदार्थों के खंड में फलों एवं सब्जियों की कीमतों में तेज बढ़ोतरी के बावजूद दालों और चीनी तथा कंफेक्शनरी उत्पादों की कीमतों में गिरावट और अन्य उत्पादों में अपेक्षाकृत कम वृद्धि के कारण खुदरा खाद्य महंगाई में नरमी आई है।

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