फिरोजाबाद। लगातार दो दिन से हो रही बारिश का असर अब क्षेत्र में नजर आने लगा है। बारिश की वजह से इस गांव के ग्रामीण घरों में कैद होने को विवश हो गए हैं। बारिश के चलते गांव के आने-जाने की सड़कें पानी में बह गई। जिसकी वजह से ग्रामीण अब किसी इमरजेंसी में भी गांव से बाहर नहीं जा सकेंगे। कारखाने और मजदूरी करने जाने वाले लोग भी रास्ता न होने के कारण परेशान हैं। गांव की एक सडक गुरूवार को पानी में बह गई थी तो दूसरी सडक शुक्रवार सुबह कट गई। इसकी वजह से ग्रामीणों का बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। अभी भी बारिश होने के कारण गांव के बाहर बनी पोचार के कटने की आशंका ने भी ग्रामीणों को भयभीत कर दिया है।
बारिश में कट गई थी सड़क
धीरपुरा गांव से नियामतपुर की ओर जाने वाला मार्ग गुरूवार को बाधित हो गया था। गांव के बाहर की सड़क करीब 15 फीट पानी में बह गई। दोनों ओर के रास्ते बंद हो गए। ग्रामीण उसी सडक को लेकर परेशान नजर आ रहे थे कि शुक्रवार सुबह गांव में प्रवेश करने वाली सड़क भी बरसात में बह गई। सड़क के पानी में बहने के बाद ग्रामीण और भी चिंतित हो गए। गांव से आने-जाने का मार्ग पूरी तरह बंद हो गया और ग्रामीण गांव में ही कैद हो गए। मेहनत मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करने वाले लोग भी बाहर नहीं निकल सके। जो कई दिनों से बाहर थे वह भी गांव नहीं पहुंच पा रहे हैं।
कई गांवों का रास्ता हुआ बंद
केवल धीरपुरा ही नहीं बल्कि इस मार्ग से आने-जाने वाले घुरकुआ, लांघी, नियामतपुर के अलावा कई गांवों का आवागमन बाधित हो गया। इन गांवों के ग्रामीण अब सडक बनने तक कहीं भी आ जा नहीं सकेंगे। क्षेत्र के ग्रामीण काफी भयभीत हैं। यदि किसी प्रकार की इमरजेंसी हुई तब भी ग्रामीण गांव से बाहर नहीं निकल सकेंगे। ऐसे में वह कहां जाएंगे। बारिश अभी भी बंद नहीं हुई है। बारिश बंद न होने की स्थिति में गांव के बाहर बनी पोखर भी टूटने की कगार पर पहुंच गई है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि किसी प्रकार से पोखर का पानी गांव में आ गया तो तबाही आ जाएगी। पहले भी पोखर टूटने पर गांव में तबाही हो चुकी है।