यह भी पढ़ें— VIDEO: पत्रिका के रीयलटी टेस्ट में पास हुए फिरोजाबाद डीएम, उनके इस कार्य के लिए मुरीद हुए फरियादी शून्य से पांच साल तक के बच्चों को पिलाई जाएगी दवा
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. एसके दीक्षित ने बताया कि शून्य से पांच साल तक के बच्चों को पोलियो की खुराक जरूर पिलवाएं। सीएमओ ने अभियान से जुड़े सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश दिये हैं कि अभियान के दौरान शून्य से पांच साल के सभी बच्चों को पोलियो की दवा पिलायी जाये। एक भी बच्चा छूटने न पाये। उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की और से पोलियो फ्री इण्डिया का सर्टिफिकेट मिल चुका है। उन्होंने बताया कि अभी भी कई देश पोलियों मुक्त नहीं हो पाये हैं। जनपद में विदेशी नागरिकों का आना जाना लगा रहता है, जिसके चलते यह खतरा बना रहता है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. एसके दीक्षित ने बताया कि शून्य से पांच साल तक के बच्चों को पोलियो की खुराक जरूर पिलवाएं। सीएमओ ने अभियान से जुड़े सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश दिये हैं कि अभियान के दौरान शून्य से पांच साल के सभी बच्चों को पोलियो की दवा पिलायी जाये। एक भी बच्चा छूटने न पाये। उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की और से पोलियो फ्री इण्डिया का सर्टिफिकेट मिल चुका है। उन्होंने बताया कि अभी भी कई देश पोलियों मुक्त नहीं हो पाये हैं। जनपद में विदेशी नागरिकों का आना जाना लगा रहता है, जिसके चलते यह खतरा बना रहता है।
वंचित न रहे एक भी बच्चा
सीएमओ ने बताया कि एक भी बच्चा इस दौरान दवा पीने से वंचित न रह जाये। इसके लिए चौराहों, बस स्टैण्ड और सार्वजनिक स्थानों पर बूथ बनाये गये हैं। जिन टीमों को पोलियो खुराक पिलाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वह निष्पक्ष रूप से अपने कार्यो का निर्वहन करेंगे। इसके बाद छूटे हुए बच्चों को दवा पिलाने का कार्य टीम बी के द्वारा किया जायेगा। अक्सर देखा गया है कि मजदूर वर्ग काम समाप्त होते ही अपना ठिकाना बदल देते हैं। जिसके चलते उनके परिवार के बच्चे पोलियों की खुराक पीने से वंचित रह जाते हैं। उन्होंने बताया कि घर-घर दवा पिलाने जाने वाली टीम में एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शामिल रहेंगी। इसके अलावा इस क्षेत्र में काम कर रही संस्थाएं भी अभियान को सफल बनाने में सहयोग करेंगी।
सीएमओ ने बताया कि एक भी बच्चा इस दौरान दवा पीने से वंचित न रह जाये। इसके लिए चौराहों, बस स्टैण्ड और सार्वजनिक स्थानों पर बूथ बनाये गये हैं। जिन टीमों को पोलियो खुराक पिलाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वह निष्पक्ष रूप से अपने कार्यो का निर्वहन करेंगे। इसके बाद छूटे हुए बच्चों को दवा पिलाने का कार्य टीम बी के द्वारा किया जायेगा। अक्सर देखा गया है कि मजदूर वर्ग काम समाप्त होते ही अपना ठिकाना बदल देते हैं। जिसके चलते उनके परिवार के बच्चे पोलियों की खुराक पीने से वंचित रह जाते हैं। उन्होंने बताया कि घर-घर दवा पिलाने जाने वाली टीम में एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शामिल रहेंगी। इसके अलावा इस क्षेत्र में काम कर रही संस्थाएं भी अभियान को सफल बनाने में सहयोग करेंगी।