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प्राइमरी के मास्टरों के होश उड़ा देगी ये खबर, अब इन शिक्षकों की नौकरी पर लटकी तलवार

जिले में फर्जी कागजों पर तमाम शिक्षक-शिक्षिकाएं कर रहे हैं नौकरी, मची खलबली

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फीरोजाबाद। मथुरा के बाद अब फिरोजाबाद में भी फर्जी शिक्षकों को पकड़ने के लिए शासन द्वारा विशेष जांच टीम का गठन किया जा रहा है। माना जा रहा है कि अब फर्जी शिक्षकों की शामत आने वाली है। शासन स्तर से गठित टीम द्वारा जब फिरोजाबाद में छापेमारी की जाएगी तो कइयों की गर्दन टीम के हाथों में होगी।

शहर विधायक ने बताया होगी जांच
नगर विधायक मनीष असीजा ने इस मामले को लेकर लखनऊ में बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों से मुलाकात कर उन्हें पूरे मामले की जानकारी दी। इसके साथ में विधानसभा की आश्वासन समिति के समक्ष भी उक्त मामले को रखा। एसआईटी जांच में मिले 151 फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई न होने की बात रखते हुए विशेष जांच का अनुरोध किया। इस पर विभाग ने 15 दिन में विशेष जांच टीम भेजने का आश्वासन दिया है। जिले में बड़ी संख्या में फर्जी शिक्षकों की भर्ती हुई है।

एसआईटी ने पकड़े थे कई मामले
एसआइटी द्वारा कुछ सत्र की जांच में पकड़े गए प्रदेश के 4500 शिक्षकों में से 151 फर्जी शिक्षक फिरोजाबाद के निकले थे। मथुरा में कई शिक्षकों पर कार्रवाई के बाद जागरण ने फर्जी शिक्षकों के मामले को प्रमुखता से उठाया था। मामले को गंभीरता से लेते हुए नगर विधायक मनीष असीजा ने मंगलवार को लखनऊ में विधानसभा की आश्वासन समिति में इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि फिरोजाबाद में एसआइटी जांच में 151 फर्जी शिक्षक चिन्हित हुए थे, हालांकि अभी तक इन पर कार्रवाई नहीं हुई है, बहराइच से भी दो शिक्षक आए थे, जिनके फर्जी होने पर बहराइच से बर्खास्तगी हो गई। इसके बाद उन्होंने प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा राजप्रताप सिंह के साथ विभाग के अन्य अधिकारियों से मुलाकात कर उन्हें पूरे मामले से अवगत कराया। नगर विधायक ने कहा कि अगर गंभीरता से जांच हो तो ऐसे शिक्षकों की संख्या आठ सौ से एक हजार तक पहुंच सकती है। कई प्रकरण बताते हुए इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की। नगर विधायक को अधिकारियों ने जांच कमेटी गठित कर 15 दिन के अंदर फिरोजाबाद भेजने का आश्वासन दिया है।

अंकतालिका में की थी फेरबदल
अंकतालिका में हेर-फेर कर मूल अभिलेखों को गायब करा दिया गया। नगर विधायक ने बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को बताया कि अंकतालिकाओं में बडे पैमाने पर हेरफेर की गई। नौकरी लगने के बाद मूल अभिलेख भी गायब करा दिए। ऐसे में फर्जी शिक्षकों की जांच बड़े स्तर पर होनी चाहिए। बेसिक शिक्षा विभाग से जुड़े हुए कुछ कर्मियों के साथ में डायट के लोगों की मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि आगरा विवि की भी फर्जी नियुक्तियों में पूरी भूमिका रही है।

पतियों के साथ पत्नियों की जाएगी नौकरी
पतियों के साथ पत्नियों की भी जाएगी नौकरी:’ अगर जांच ईमानदारी से हुई तो फीरोजाबाद में करीब 40 से 50 दंपती भी फंसेंगे। ये वो हैं जिन्होंने अपनी नौकरी लगवाने के बाद में विवि एवं डायट से साठगांठ कर अपनी पत्नियों की भी नौकरी लगवा ली। कई परिवारों के तो तीन से चार सदस्य फर्जी नौकरी कर रहे हैं।