दरअसल, फिरोजाबाद जिले के जसराना थाना क्षेत्र के गांव खड़ीत में शनिवार रात करीब 11 बजे बंजारों की बस्ती की एक झोपड़ी में आग लग गई। इस दौरान उसमें सो रहे परिवार को बाहर निकलने का भी मौका नहीं मिला। हादसे में तीन बच्चों की जिंदा जलने से मौत हो गई। जबकि पिता की हालत भी गंभीर है। बताया जा रहा है कि डेरा बंजारा में रहने वाले शकील शनिवार रात को खाना खाकर पत्नी नेमजादी, बच्चे अनीश, सामना और रेशमा के साथ झोपड़ी में सोए थे। इसी दौरान देर रात अज्ञात कारणों से लगी आग ने पूरी झोपड़ी को अपने आगोश में ले लिया।
आग की तेज लपटें उठने पर जागे परिवार ने बचने का हर संभव प्रयास किया, लेकिन इसमें वे कामयाब नहीं हो पाए। घटना में नेमजादी को छोड़कर चारों गंभीर रूप से झुलस गए। उनकी चीखपुकार सुनकर आसपास के लोग इकट्ठा हुए। उन्होंने किसी तरह आग बुझाई और एंबुलेंस बुलाकर सभी को ट्रामा सेंटर लेकर आए। यहां अनीश और सामना को डाक्टर ने मृत घोषित कर दिया। वहीं शकील और रेशमा को आगरा रेफर कर दिया।
आगरा में रेशमा की भी मौत हो गई। शकील के परिवार को प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुआ था। झोंपड़ी के पास ही मकान बन रहा था। दीवारें खड़ी हो गई थीं। लिंटर पड़ना बाकी थी। इसीलिए परिवार झोंपड़ी में सो रहा था। एसपी ग्रामीण कुमार रणविजय ने बताया कि रात एक बजे अस्पताल प्रशासन से सूचना मिलने पर पुलिस को घटना की जानकारी हुई। इसके बाद पुलिस और प्रशासन की टीम गांव पहुंची। पिता की हालत गंभीर है, मां ज्यादा नहीं झुलसी है।
-आगरा से प्रमोद कुशवाहा की रिपोर्ट