बता दें कि पेरेज इस सुपर लीग के संस्थापक चेयरमैन होंगे। पेरेज का कहना है कि फुटबॉल को विकसित करने के लिए इस सुपर लीग की आवश्यकता है। एक टीवी शो के दौरान परेज ने कहा कि जब भी बदलाव होता है तो कुछ लोग उसका विरोध भी करते हैं। पेरेज का कहना है कि वे संकट की इस घडी में फुटबॉल को बचाने के लिए यह सब कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि फुटबॉल के प्रति युवाओं की दिलचस्पी कम हो गई है।
बता दें कि इस सुपर लीग की शुरूआत 20 टीमों के साथ करने की योजना है। वहीं अन्य पांच क्लब प्रत्येक वर्ष इससे जुड़ेंगे। बताया जा रहा है कि जल्द ही तीन अन्य क्लब भी इस सुपर लीग से जुड़ेंगे। हालांकि इन क्लबों को आगाह किया गया है कि इस सुपर लीग में शामिल होने से उन्हें घरेलू प्रतियोगिताओं से बाहर किया जा सकता है और कानूनी कार्रवाई का भी सामना करना पड़ सकता है। यूईएफए के अध्यक्ष अलेक्जेंडर सेफरिन की अलोचना की। बता दें कि सेफरिन ने एक दिन पहले ही कहा था कि इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को विश्व कप और यूरोपीय चौम्पियनशिप से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।
बता दें कि यूईएफए के कार्यकारी समिति के सदस्य जेस्पर मोलर ने कहा है कि रियल मैड्रिड, मैनचेस्टर सिटी और चेल्सी के क्लबों को भी इस सीजन के चैंपियंस लीग सेमीफाइनल से प्रतिबंधित किया जा सकता है। वहीं पेरेज ने इस बारे में कहा कि रियल मैड्रिड को टूर्नामेंट से बाहर नहीं किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें यकीन है कि इनमें से किसी को भी बाहर नहीं किया जाएगा।
वहीं प्रीमियर के 14 क्लब यूरोपियन सुपर लीग में शामिल होने के इच्छुक नहीं है। लिवरपूल के मिडफील्डर जेम्स मिलनर भी यूरोपियन सुपर लीग बनाने का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि खिलाड़ियों का अपने उस फैसले पर कोई नियंत्रण नहीं है जोकि फुटबॉल का चेहरा बदल सकता है। बता दें कि मिलनर इकलौते ऐसे खिलाड़ी हैं, जो सुपर लीग के गठन के खिलाफ बोले हैं। वहीं लिवरपूल के कोच क्लॉप ने 2019 में कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि सुपर लीग कभी नहीं होगी और वे अब भी अपने विचारों पर कायम हैं।