
प्रयास एनटीपीसी गाडरवारा के पुनर्वास व पुनस्र्थापना विभाग और अवनि महिला मंडल की एक मुहिम है जिसमें गाडरवारा परियोजना के पास के गांव में मुफ्त शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है। एनटीपीसी गाडरवारा के अधिकारी और कर्मचारी अपने कार्य के बाद कक्षा पांचवी से कक्षा 12वीं तक के बच्चों को ट्यूशन देते हैं। जिससे वो भी शहरों के बच्चो के सामान उच्च और क्वालिटी शिक्षा ग्रहण कर सकें।
गाडरवारा। एनटीपीसी गाडरवारा के बाल भारती पब्लिक स्कूल में, प्रयास के बच्चों को अंतरिक्ष की जानकारी देने के लिए तारामंडल दिखाया गया। कार्यक्रम में बच्चों ने विजुअल के माध्यम से सम्पूर्ण अंतरिक्ष की सैर की तथा ग्रहों व उपग्रहों के अलावा आकाशीय घटनाओं के बारे में जानकारी हासिल की। बता दें प्रयास एनटीपीसी गाडरवारा के पुनर्वास व पुनस्र्थापना विभाग और अवनि महिला मंडल की एक मुहिम है जिसमें गाडरवारा परियोजना के पास के गांव में मुफ्त शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है। एनटीपीसी गाडरवारा के अधिकारी और कर्मचारी अपने कार्य के बाद कक्षा पांचवी से कक्षा 12वीं तक के बच्चों को ट्यूशन देते हैं। जिससे वो भी शहरों के बच्चो के सामान उच्च और क्वालिटी शिक्षा ग्रहण कर सकें। बच्चों को स्कूल में पढाये जाने वाले विषयों में जो भी कठिनाई आती है वो भी प्रयास में इन शिक्षकों के द्वारा दूर की जाती है। ऐसे परिवार जो किसी भी वजह से अपने बच्चो को दूर शहर में भेज के पढ़ाने में सक्षम नहीं हैं, प्रयास उनके लिए वो काम शहर से इतनी दूर घर के पास ही कर रहा है। बच्चों को न केवल सिर्फ किताबों तक सीमित रखा जाता है, बल्कि उनको बाहर के कम्पटीशन के बारे में भी अवगत कराया जाता है। बच्चे नई तकनीक से भी वाकिफ र हें उसके लिए प्रयास में बच्चो के लिए कंप्यूटर लैब भी मौजूद है। जहाँ इन बच्चों को दुनिया में हो रहे नए नए आविष्कारों के बारे में भी जानकारी दी जाती है। इससे न केवल इन बच्चों के ज्ञान की वृद्धि होती है बल्कि इनको एक नया नजरिया भी मिलता है व उनमें नई चीजें जानने की रूचि पैदा होती है। तारामंडल देखने के उपरांत, कक्षा पांचवी की छात्रा संजना जाटव ने बताया तारामंडल को देख कर हमको बहुत अच्छा लगा । हमें इससे ग्रहों के बारे में भी बहुत जानकारी मिली। हम सब ऐसे ही और कार्यक्रम देखना पसंद करेंगे। मौजूद शिक्षक ने बच्चों को बताया कि कभी, कभी जो दिखता है, वह होता नहीं है। जैसे सुबह का सूरज पृथ्वी से दूर होने के बावजूद भी बड़ा दिखता है। जबकि दोपहर का सूरज पास होते हुए भी छोटा दिखता है। उन्होंने बच्चों को इसके पीछे वैज्ञानिक कारणों से रूबरू कराया। उन्होंने लाइव डेमोंस्ट्रेशन के जरिए जादुई विधि भी सिखाई। बच्चों का हौसला बढ़ाने के लिए अवनि महिला मंडल की अध्यक्षा राजेश्वरी पाण्डेय व अपर महाप्रबंधक मानव संसाधन रचना सिंह भाल ने भी उनके साथ तारामंडल का लुफ्त उठाया।
Published on:
27 Dec 2019 06:39 pm
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