वैशाख में सतुवाई अमावस्या पर है सत्तू खाने का महत्व
गाडरवारा•Apr 16, 2020 / 06:38 pm•
arun shrivastava
वैशाख में सतुवाई अमावस्या पर है सत्तू खाने का महत्व
गाडरवारा। पूरे अंचल में लोग लॉक डाउन में समय का सदुपयोग अपने अपने तरीके से कर रहे हैं। ऐसे ही गर्मी में गांव के स्वादिष्ट नाश्ते सत्तू की तैयारी की जा रही है। कहते हैं तले भारी पदार्थ की तुलना में गेहूं एवं चने से बना सत्तू गर्मियों में बेहद फायदेमंद एवं शीतलता प्रदान करता है। गत वर्ष तक समयाभाव के चलते जो लोग बाजार से रेडीमेड सत्तू खरीदते थे। खाली समय होने से उन घरों में भी सत्तू बनाने की तैयारी हो रही है। इसमें गेहूं चने को धोकर सुखाने के बाद भूना जाता है। जिसके बाद हाथ की चक्की से पीस कर सत्तू बनता है। जिसे गुड़ या शक्कर मिलाकर खाया जाता है। इसे धर्म से भी जोड़ा गया है। प्रतिवर्ष वैशाख के महीने में पडऩे वाली सतुवाई अमावस्या पर सत्तू खाने का महत्व बताया गया है। आगामी 22 अप्रेल को उक्त अमावस्या पडऩे के पूर्व घरों घर सत्तू बनाया जा रहा है।