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भागवत कथा के चौथे दिन हर्षोल्लास से मनाया श्रीकृष्ण जन्मोत्सव

स्थानीय बल्लभ मार्केट में आयोजित होने वाली श्रीमद् भागवत कथा में चौथे दिन विदुषी युग विभुषित ऋचा गोस्वामी ने अपने श्रीमुख से श्रीकृष्ण जन्म का बड़ा ही सुंदर व मार्मिक चित्रण करते हुए कहा कि मुक्त, मुमुक्षु, विषयी और पामर सभी श्रीकृष्ण चन्द्र की लीलाओं से प्रेम करते हैं, सर्वात्मा श्रीकृष्ण की लाला जिस मनुष्य को प्रिय नहीं वह आत्मघाती के समान है।

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भागवत कथा के चौथे दिन हर्षोल्लास से मनाया श्रीकृष्ण जन्मोत्सव

स्थानीय बल्लभ मार्केट में आयोजित होने वाली श्रीमद् भागवत कथा में चौथे दिन विदुषी युग विभुषित ऋचा गोस्वामी ने अपने श्रीमुख से श्रीकृष्ण जन्म का बड़ा ही सुंदर व मार्मिक चित्रण करते हुए कहा कि मुक्त, मुमुक्षु, विषयी और पामर सभी श्रीकृष्ण चन्द्र की लीलाओं से प्रेम करते हैं, सर्वात्मा श्रीकृष्ण की लाला जिस मनुष्य को प्रिय नहीं वह आत्मघाती के समान है।

गाडरवारा। श्री अमरेष्वर परमार्थ समिति, अमरकंटक के तत्वाधान में स्थानीय बल्लभ मार्केट में आयोजित होने वाली श्रीमद् भागवत कथा में चौथे दिन विदुषी युग विभुषित ऋचा गोस्वामी ने अपने श्रीमुख से श्रीकृष्ण जन्म का बड़ा ही सुंदर व मार्मिक चित्रण करते हुए कहा कि मुक्त, मुमुक्षु, विषयी और पामर सभी श्रीकृष्ण चन्द्र की लीलाओं से प्रेम करते हैं, सर्वात्मा श्रीकृष्ण की लाला जिस मनुष्य को प्रिय नहीं वह आत्मघाती के समान है। पृथ्वी पर दुष्टों का भार जब बढ़ गया था तक धर्म की रक्षा व लोक कल्याण हेतु लीलादानी प्रभु ने अवतार ग्रहण करने का निष्चय किया था। श्रीकृष्ण ने कृष्णपक्ष अष्टमी तिथि व रात्रि के बारह बजे अवतार लेकर यह सिद्ध किया कि जो सारे सभ्य समाज से भी त्याज्य है, जिसमें कमिया ही कमियां हैं, जो अकिंचन है वो भी मुझे प्रिय है, मैं उन्हें भी स्वीकार करता हूं। ब्रज में गोपों के बीच पहुंचकर उन्हें अपनाकर श्रीकृष्ण ने धन्य कर दिया था। यदि हम भी अर्त:भाव से प्रभु को प्रकारेगे तो निष्चित ही हमें अपनाएंगे। वल्लभ मार्केट परिसर में कथा का रसपान करने के लिए श्रद्धालुओं का विषाल जनसैलाब उमड़ रहा है। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के दौरान भक्तों ने हषोल्लास के साथ नृत्य कर बालकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया। मानव सेवा ही प्रभु सेवा है यह मानते हुए सभी आयोजकों ने सफलतम विषाल नि:षुल्क नेत्र चिकित्सा षिविर का आयोजन किया था। जिससे बहुत से जरूरतमंद लोगों को लाभ मिला। धर्ममयी श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन सात जनवरी तक चलेगा, जिसमें प्रतिदिन धर्मरस की गंगा बह रही है।