पुनर्विवाह के इस अनूठे पहल की प्रशंसा इलाके भर में हो रही है। समाज के पदाधिकारियों ने इंसानियत का फर्ज निभाते हुए विधवा विवाह जैसे महत्वपूर्ण सामाजिक प्रक्रिया को हरी झंडी देकर सामाजिक सरोकार की जिम्मेदारी को निभाया है।बहू को ससुर केशर व उसकी सास ने बेटी की तरह विदाई दी है। इस मौके पर सभी की आंखों से आंसू छलक आए।
हालांकि दूसरा पहलू यह भी है कि जिस व्यक्ति से केशर की बहू की शादी हुई है, उसकी पहली पत्नी लकवा के कारण बिस्तर पर रहती है तथा उसकी भी 12 साल की एक बेटी है। शादी समारोह में शामिल हुए समाज प्रमुख पुनीत सिन्हा, तुलेश्वर सिन्हा,विजय,भोजराज,पूरन, दिलीप, खेमराज समेत लोगो ने उज्ज्वल भविष्य व मंगल कामना के लिए आशीर्वाद देकर खुशी व गमगीन माहौल के बीच विदाई दी।
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