
गाजियाबाद। करीब पांच हजार साल से भी ज्यादा पुराना मंदिर जिसे लेकर मान्यता है कि इसके तालाब में स्नान मात्र से चर्म रोग दूर हो जाते हैं। इस मंदिर की महत्ता और मान्यता का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि जो भी स्थानीय लोग यहां से दूर चले गए हैं नवरात्र में आकर देवी मां का जरूर दर्श और पूजन करते हैं। इस मंदिर में एक विशाल शिवलिंग भी है। जो करीब 108 किलो की है।
वैसे मंदिर के पुजारी बताते हैं कि यह मंदिर माहाभारतकालीन का है। लेकिन मुगल शासकों ने इसे तुड़वा दिया। लेकिन तब मंदिर के पुजारी ने माता की मूर्ति और शिवलिंग को यहां के तालाब में फेंस कर छुपा दिया। कुछ वर्षों बाद एक पुजारी के सवप्न आया और उसने सपने में सबकुछ देखा। जिसके बाद तलाब में जब खोजा गया तो वाकई में यहां से कमल पर सवार काली मां की मूर्ति मिली।
Published on:
05 Oct 2019 01:05 pm
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