
योगी सरकार के आदेश के खिलाफ खड़े हो गए ये कर्मचारी धरने पर बैठकर की यह मांग
गाजियाबाद।ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी में इमारत गिरने के तीन दिन बाद ही गाजियाबाद में निर्माणधीन इमारत के गिरने से दो लोगों की मौत होने व लापरवाही का मामला सामने अाते ही सरकार आैर प्रशासन हरकत में आ गया।इस मामले को लेकर योगी सरकार ने इस इमारत को लेकर लापरवाही सामने आने पर चार जूनियर इंजीनियर समेत जीडीए के १५ सुपरवाइजरों को निलंबित कर दिया।लेकिन अधिकारियों की इस कार्रवार्इ पर प्रोत्साहन की जगह अन्य कर्मचारियों ने विरोध करना शुरू कर दिया।इस दौरान कर्मचारियों ने योगी सरकार के खिलाफ भी नारेबाजी की।
वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक करें-गाजियाबाद में 5 मंजिला इमारत गिरने के दौरान मलबे में दबे लोगों को NDRF की टीम ने दिया जीवनदान
आदेश के खिलाफ खड़े हुए इतने कर्मचारी दिया धरना
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के जूनियर इंजीनियर और सुपरवाइजरों को निलंबित किए जाने के विरोध में प्राधिकरण के जूनियर इंजीनियर और सुपरवाइजर के अलावा तमाम कर्मचारियों ने भी बड़े अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।मंगलवार को सभी कर्मचारी कार्य बंद कर धरने पर बैठे गए।इस दौरान कर्मचारियों ने अपने बड़े अधिकारियों से लेकर सरकार को भी इसमें दोषी बताया।इसके साथ यह प्रश्न भी उठाये।
कर्मचारी से ज्यादा जीडीए के अधिकारी ज्यादा दोषी, उन पर हो कार्रवार्इ
इन कर्मचारियों का आरोप है कि जिस वक्त यह इमारत बनाई जा रही थी। तो इस पूरे मामले में जितने जूनियर इंजीनियर या सुपरवाइजर दोषी हैं। उससे कहीं ज्यादा जीडीए के बड़े अधिकारी भी दोषी हैं। क्योंकि उनके कार्यकाल में ही यह सब हो रहा था। जब इतनी बड़ी संख्या में अवैध कॉलोनी बसाई गई थे। तो शुरुआती दौर में ही उन पर कार्रवार्इ क्यों नहीं की गई। यदि बड़े अधिकारी इन कॉलोनियों को बसाने का विरोध करते। तो निश्चित तौर पर यह अवैध इमारत कभी नहीं बन पाती। उनका कहना है कि यदि जूनियर इंजीनियर और सुपरवाइजर पर कार्रवाई की जा रही है। तो बड़े अधिकारियों पर भी कार्रवार्इ होनी चाहिए। इस बात को लेकर गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के सभी कर्मचारी लामबंद हो गए हैं। और काम पूरी तरह ठप कर दिया है।
Updated on:
25 Jul 2018 02:22 pm
Published on:
25 Jul 2018 02:14 pm
बड़ी खबरें
View Allगाज़ियाबाद
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
