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गाज़ियाबाद

13 लोग की मौत के मामले में आयोग की सख्ती पर इस जिले की डीएम ने भेजा ये लेटर

दो साल बीतने के बाद भी मुख्यमंत्री राहत कोष से नहीं मिल पूरा पैसा

गाज़ियाबादApr 24, 2018 / 09:00 pm

Iftekhar

human right comission
गाजियाबाद। शहीदनगर में जैकेट फैक्ट्री में जिंदा जलकर हुई 13 लोगों की मौत के मामले में मानव अधिकार आयोग ने सख्त रूख अपनाते हुए डीएम और एसएसपी को व्यक्तिगत रूप से तलब किया था। अब इस मामले में डीएम की तऱफ से आयोग को लेटर भेजकर अनुरोध किया गया है कि हादसे के मृतक आश्रितों को अब तक 44 लाख रूपया दिया जा चुका है। राज्य सरकार की तऱफ से कुछ अंश बचा हुआ है जोकि जल्द ही मिल जाएगा। इसलिए अब व्यक्तिगत रूप से उपस्थिति के लिए निर्धारित तिथि से अवमुक्त किया जाए।
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क्या है पूरा मामला
11 नवम्बर 2016 को साहिबाबाद की शहीद नगर कालोनी मे आवासीय परिसर मे अवैध रूप से चल रही एक जैकिट फैक्ट्री मे आग लगने के कारण 13 लोगो की मौत हो गयी थी और 3 लोग गम्भीर रूप से घायल हो गए थे। इस मामले मे मानव अधिकार कार्यकर्ता राजीव कुमार शर्मा ने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग मे एक जनहित याचिका दाखिल कर मृतको के परिजनों को दस-दस लाख रूपये और गम्भीर रूप से घायलों के परिजनों को पाँच-पाँच लाख रूपये मुआवजा दिलवाने एवम इस घटना मे दोषी पाये जाने वाले सम्बन्धित विभाग के अधिकारियो के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने की मांग की थी।
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ह्यूमन राइड डिफेंडर का कहना
ह्ययूमन राइड डिफेडर राजीव शर्मा ने बताया कि मानव अधिकार आयोग में याचिका दायर की गई थी। आयोग की तरफ से कई बार इसके संबंध में जिला प्रशासन से प्रोगेस रिपोर्ट औऱ कार्रवाई के बारे में पूछा गया लेकिन किसी तरीके का जबाव नहीं दिया गया। आयोग ने व्यक्तिगत रूप से डीएम और एसएसपी को मामले मे तलब किया था।
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डीएम की तरफ से आयोग से की गई ये गुजारिश
गाजियाबाद की डीएम रितू माहेश्वरी की तरफ से लेटर में बताया गया कि 13 लोगों के परिजनों को चार चार लाख रूपये दिए जाने थे। पीएम राहत कोष से 26 लाख रूपये दिए जा चुके है। इस हिसाब से दो – दो लाख और मुख्मंत्री राहत कोष से 18 लाख रूपये आ चुके है। जिन्हे समानंतर हिसाब से बांटा गया है। आठ लाख रूपया अभी शासन की तरफ से आना बाकि है। जल्द ही उनक आने के बाद में सबकों बांट दिया जाएगा। आयोग से व्यक्तिगत उपस्थिति को अवमुक्त करनेे के लिए अनुरोध किया गया।
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