27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Ghaziabad: राशन लेने गई भाजपा पार्षद धरने पर बैठ गईं

Highlights वैशाली सेक्टर—4 की भाजपा पार्षद हैं नीलम भारद्वाज एसडीएम पर लगाया अभद्रता का आरोप, एसडीएम ने नकारा पार्षद का यह वीडियो सोशल मीडिया पर हुआ वायरल  

2 min read
Google source verification
vlcsnap-2020-05-01-15h06m46s239.png

गाजियाबाद। देशभर में कोविड-19 को गंभीरता से लेते हुए लॉकडाउन किया गया है। इस दौरान गरीब और दिहाड़ी मजदूरों को खाने-पीने की बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।हालांकि प्रशासन ने सभी जगह गरीब और दिहाड़ी मजदूरों के लिए राशन पहुंचाए जाने का इंतजाम किया है। लेकिन कुछ जगह अब भी ऐसी हैं जहां पर पूरी तरह राशन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। ऐसा ही एक मामला गाजियाबाद के साहिबाबाद में सामने आया है। यहां एक भाजपा पार्षद को अपने इलाके में रह रहे लोगों को राशन दिलाने के लिए धरने पर बैठना पड़ा।

प्रशासन कर रहा दावा

साहिबाबाद में लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों को राशन पहुंचाने का प्रशासन दावा कर रहा है। भाजपा पार्षद ने उनके इस दावे धज्जियां उड़ा दी हैं। गुरुवार को वैशाली सेक्टर—4 की भाजपा पार्षद नीलम भारद्वाज ने प्रशासन पर राशन नहीं देने का आरोप लगाते हुए वसुंधरा आवास विकास में धरना दिया। पार्षद का यह वीडियो वायरल हो गया है। वीडियो में वह एसडीएम पर अभद्र व्यवहार करने का भी आरोप लगा रही हैं।

यह कहा पार्षद ने

पार्षद नीलम भारद्वाज ने बताया कि वैशाली में 121 गरीब और असहाय लोगों की सूची बनाकर पटवारी को दी थी। इसमें उन्होंने राशन मुहैया कराए जाने की मांग की थी। मगर 15 दिन से राशन नहीं मिलने के कारण हालत बिगड़ गए। इसे लेकर कई बार अधिकारियों से मांग की गई मगर सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद गुरुवार को वसुंधरा स्थित आवास विकास के गेस्ट हाउस में जाकर राशन सामग्री के बारे में पूछा तो किसी ने जवाब नहीं दिया। इस पर वह गुस्से में धरने पर बैठ गईं। इस दौरान उनके पति भी साथ थे।

एसडीएम ने आरोपों को नकारा

इंदिरापुरम प्रभारी ने मामले को शांत कराया। पार्षद का कहना है कि इस मामले की शिकायत उन्होंने भाजपा महानगर अध्यक्ष से भी की थी। फिलहाल मामला शांत होने के बाद भी उन्हें खाने के महज 20 पैकेट दिए गए। वहीं, एसडीएम प्रशांत तिवारी का कहना है कि अभद्र व्यवहार के आरोप सरासर गलत हैं। किसी के दबाव में आकर खाना नहीं बांटा जाएगा।