
भाजपा सरकार में इस महिला IAS ने सीनियर्स पर लगाया यौन उत्पीड़न का आरोप, कहा- ईमानदारी की मिल रही सजा
गाजियाबाद। जनपद में रविवार को एक महिला IAS ऑफिसर ने अपने निवास स्थान पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीनियर अधिकारियों में हलचल मचा दी। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने अपने सीनियर अधिकारी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया। उनका कहना है कि उनकी ईमानदारी की वजह से तीन साल से उनके साथ ऐसा सलूक किया जा रहा है। भाजपा सरकार में महिला आईएएस द्वारा ऐसे गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद हलचल मच गई है। वहीं, आरोपी वरिष्ठ अधिकारी ने इन आरोपों का खंडन किया।
तीन साल से हो रहा उत्पीड़न
प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाली यह महिला आईएएस अधिकारी हरियाणा के पशुपालन विभाग में तैनात हैं। उन्होंने अपने सीनियर आईएएस पर तीन साल से यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि उन्होंने इसकी कई जगह शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। उल्टा उन्हें जान से मारने की धमकी मिलने लगी और ड्राइवर से लेकर कुछ अन्य लोग उनसे अभद्रता करने लगे। उनका कहना है कि उनके वरिष्ठ अधिकारी उनसे कहते हैं कि फाइल सही हो या गलत, दस्तखत करो।
एसीआर खराब करने की दी धमकी
हरियाणा कैडर की 2014 बैच की महिला आईएएस ने अपने वरिष्ठ पर तीन साल से परेशान करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि सीनियर अधिकारी उन्हें बेवजह अपने कमरे पर बुलाकर बैठाए रखते हैं। इतना ही नहीं उन्हें वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) खराब करने की धमकी देते हैं।
ईमानदारी की सजा मिल रही है
गाजियाबाद के सिहानीगेट थाना क्षेत्र स्थित अपने आवास पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि तीन साल से उनके साथ यौन उत्पीड़न किया जा रहा है। उन्हें उनकी ईमानदारी की सजा मिल रही है। अंबाला से उनके साथ यह सलूक किया जा रहा है। जब उन्होंने इसकी शिकायत की तो उनकी गाड़ी के ड्राइवर ने उनके सामने कई बार अश्लील हरकत की। 6 जून को तो उनके सीनियर ने उनकी कुर्सी में धक्का मारा और अपनी तरफ बुलाया। इसके दो दिन बाद उन्हें रोहतक में मीटिंग के नाम पर बुलाया गया और रात में चंडीगढ़ जाने का आदेश दे दिया गया। वह अकेली थी और बिना पुलिस सिक्योरिटी के उन्हें वहां भेजा जा रहा था। उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री तक से इसकी शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
आगे भी जारी रखेंगी लड़ाई
पीड़िता ने कहा कि वह सभी मामलों में पहले से कानूनी कार्रवाई कर रही है। वह आगे भी इस लड़ाई को जारी रखेंगी। उनका कहना है कि वह इमानदार थी, इसीलिए उन्हें इस तरह की सजा मिल रही है। जहां-जहां वह तैनात रहीं, वहां-वहां अधिकारियों ने उनका उत्पीड़न किया। एक बार तो एक सख्य ने बीच सड़क पर उनकी गाड़ी रोककर उनसे गंदी हरकत की। उन्होंने कहा कि पुलिस के आलाधिकारी ने भी उनसे अभद्रता की है। उन्हें अपनी जान का खतरा है।
क्या बोले अधिकारी
वहीं, इस मामले में आरोपी अधिकारी का कहना है कि वह किसी भी जांच के लिए तैयार हैं। उनका कहना है कि महिला अधिकारी न तो किसी मीटिंग में आती हैं और न कही कोई फाइल क्लीयर करती हैं। उधर, हरियाण पशुपालन विभाग के मंत्री ओपी धनकड़ का कहना है कि महिला आईएएस के इन आरोपों की जांच मुख्य सचिव से कराई जाएगी।
Published on:
11 Jun 2018 10:45 am
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