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2019 लोकसभा चुनाव जीतने के लिए अमित शाह ने तैयार की रणनीति

2019 लोकसभा जीतने के लिए भाजपा इन 10 रणनीति पर करेगी काम

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Amit shah

2019 लोकसभा चुनाव जीतने के लिए अमित शाह ने तैयार की पहले भी ज्यादा खतरनाक रणनीति

मेरठ. भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कार्यकर्तओं का मनोबल बढ़ाने के साथ ही 2019 लोकसभा चुनाव भी जीतने के मंत्र बताए। अमित शाह ने पार्टी के नेताओं को उत्तर प्रदेश में 73+ सीट हासिल करने के लिए गुरुमंत्र दिए।

1-अमित शाह ने पार्टी नेताओं से कहा कि महागठबंधन से घबराने की जरूरत नहींं।
2-शाह ने उनसे कहा कि आप मोदी और योगी सरकार की योजनाओं को जनता के बीच लेकर जाएं।
3-2019 के लिए 6 माह का रोडमैप किया तैयार।
4-16 से 30 अगस्त के बीच उत्तर प्रदेश के सभी 1,60000 बूथों पर बनाई गई भारतीय जनता पार्टी की बूथ कमेटी की पदाधिकारी बारीकी से समीक्षा करेंगे।
5-1 सितंबर से 15 सितंबर के बीच सभी 80 लोकसभा सीटों पर संचालन टोलियों की बैठक होगी। जो वोटर छूट गए हैं उन सभी के 30 सितंबर तक अभियान चलाकर वोट बनवाए जाएंगे।
6-15 अगस्त को भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता 11-11 पौधे लगाएंगे।
7-16 अगस्त को किसान मोर्चा की तरफ से स्वतंत्रता सेनानियों उनके परिवारों और शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया जाएगा।
8-17 अगस्त को भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ता तिरंगे के साथ प्रभात फेरी निकालेंगे। इसके लिए सभी जिला अध्यक्षों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।
9- 18 अगस्त को सभी जिलों में देशभक्ति पर आधारित कवि सम्मेलन का आयोजन महिला मोर्चा द्वारा कराया जाएगा।
10-2019 और इसके लिए संगठनात्मक ढांचे को बूथ स्तर तक मजबूत करने और भविष्य की रणनीति होनी चाहिए, यह भी बैठक में तय होना है।


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इससे पहले उत्तर प्रदेश भाजपा कार्यसमिति के उद्घाटन सत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार की जमकर उपलब्धियां गिनाई। इस दौरान उन्होंने सांप्रदायिक लिहाज से संवेदनशील माने जाने वाले पश्चिमी उप्र की नब्ज पकड़ते हुए विकास पर सांप्रदायिकता का जमकर छौका लगाया। कैराना और नूरपुर उप चुनाव में हार, मेरठ नगर निगम की आरक्षित सीट पर भाजपा के महापौर उम्मीदवार की हार, भीम आर्मी के उभार और कई नई चुनौतियों को देखते हुए योगी ने हिंदूुत्व का मान बढ़ाने पर जोर दिया। इस मौके पर उन्होंने सिलसिलेवार तरीके से अपनी सरकार की योजनाएं गिनाई। उन्होंने कांवड़ यात्र की बात करते हुए कहा कि कुछ लोगों ने पिछली बार भीड़ नियंत्रण के लिए प्रतिबंध की बात की लेकिन, हमने कहा कि पर्व और त्यौहार प्रतिबंध से नहीं, विश्वास से चलते हैं। इस मौके पर योगी ने कहा कि हम विकास सबका करेंगे, लेकिन तुष्टीकरण किसी का नहीं करेंगे। प्रदेश भाजपा कार्यसमिति की बैठक को देखते हुए मेरठ के सभागार से लेकर पूरे महानगर तक भाजपा के बैनर और पोस्टर में दलित और पिछड़ों को भरपूर तरजीह दी गई है।

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योगी ने अपनी सरकार बनने के बाद बाबा साहब डॉ.भीमराव आंबेडकर की जयंती पर शुरू किये गये विद्युत वितरण अभियान की भी याद दिलाई। इस मौके पर उन्होंने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि भाजपा की सरकारें दलित विरोधी हैं, लेकिन वे बताएं कि मोदी सरकार से पहले दलितों के आवास क्यों नहीं बने। उनके घरों में बिजली क्यों नहीं पहुंची। योगी ने मेरठ में रैपिड रेल की 32 हजार करोड़ की परियोजना मोदी ने दी है। उन्होंने बूथ स्तर पर मजबूती का आह्वान किया। दरअसल, आजादी की 71वीं सालगिरह से ठीक चार दिन पहले शनिवार को भाजपा ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की प्रथम क्रांति की धरा से मिशन-2019 का शुभारंभ किया। प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के जरिये उप्र में आनेवाले लोकसभा चुनाव जीतने के लिए नई क्रांति की पहल हुई। भाजपा के परंपरागत महापुरुषों के अलावा वीर सावरकर, डॉ भीमराव रामजी आंबेडकर और चौधरी चरण सिंह के आदमकद कटआउट से सजे सभागार में दलितों, पिछड़ों को साधने के साथ ही हिंदुत्व लहर चलाने की कोशिश भी हुई।

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दलित और मुस्लिमों में बढ़ती नजदीकी को देखते हुए सीएम योगी ने अपने भाषण में दलितों और मुस्लिमों के बीच खाई बढ़ाने की भी भरपूर कोशिश की। इसी के तहत उन्होंने कार्यसमिति की बैठक में एएमयू में दलितों के आरक्षण का मुद्दा भी उठाया। योगी ने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में दलितों को आरक्षण क्यों नहीं मिलता है, जबकि यह भारतीय एक्ट के अनुसार संचालित है। उन्होंने दलितों की हिमायत करते हुए समरसता पर जोर दिया। दो दिवसीय प्रदेश कार्यसमिति के समापन सत्र की अध्यक्षता करने के लिए अमित शाह रविवार को मेरठ पहुंचे। उन्होंने दोपहर 12.30 बजे से 2.00 बजे तक समापन सत्र की अध्यक्षता की। सूत्रों के मुताबिक लंच के बाद वे होटल ब्रावुरा में प्रदेश के सभी सांसद और विधायकों के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक में 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए वे सांसदों और विधायकों के लिए लक्ष्य दे सकते हैं।


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