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भाजपा पार्षद ने अपने ही मेयर पर उठाये सवाल

16 पार्षदों ने महापौर को सौंपा पत्र, ये संख्या निगम एक्ट के हिसाब से पर्याप्त, बगैर सदन में चर्चा के अवस्थापना निधि के कामों की मंजूरी असंवैधानिक

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Sanjay srivastava

Jul 28, 2017

ghaziabad municilap corporation

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गाजियाबाद।
गोविंदपुरम से बीजेपी पार्षद अनिल चौधरी ने एक बार फिर अवस्थापना निधि के तहत मंजूर हुए कामों चर्चा के लिए सदन की आपात बैठक बुलाए जाने पर जोर दिया है। चौधरी ने कहा कि इस बार 16 साथी पार्षदों के द्वारा व्यक्तिगत तौर पर सदन की आपात बैठक बुलाने और चर्चा कराने का अनुरोध किया है। ये पत्र महापौर को सौंपा जा चुका है।

पार्षद का दावा है कि निगम एक्ट की धारा 18-2 के तहत बोर्ड बैठक बुलाने के लिए 16 पार्षदों की संख्या ना केवल पर्याप्त है बल्कि कोरम पूरा है। महापौर को चाहिए कि वह तत्काल सदन की आपात बैठक बुलाए। निगम पार्षद ने बगैर सदन में चर्चा के अवस्थापना निधि के कामों को मेरठ मंडलायुक्त की अध्यक्षता में मंजूर होने को पूरी तरह से असंवैधानिक बताया है।

पीडब्लूडी के मानकों के अनुसार सडकें पांच साल में बननी चाहिए ऐसी सडकों को भी प्रस्तावों में शामिल कर लिया जो पांच सालों में कई बार बन चुकी है। इसकी शासन को उच्च स्तरीय जांच करानी चाहिए।

निगम मुख्यालय में प्रेस कान्फ्रेंस के माध्यम से उन्होंने कहा कि शुरूआत में15 साथी पार्षदों की तरफ से सामूहिक पत्र महापौर दिया गया था और इस पत्र के माध्यम से सदन की आपात बैठक बुलाए जाने की मांग की गई थीं,लेकिन कुछ पार्षदों से खंडन करा दिया गया था।खंडन कराए जाने से अवस्थापना निधि की रकम को किसी को ठिकाने नहीं लगाने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सडकों की मौजूदा हालात की स्थिति की विडियों सदन के समक्ष दिखाने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।