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एनसीअार में ये है देवी का सबसे प्रसिद्घ मंदिर, पूरी होती हैं मुरादें

सीकरी खुर्द गांव स्थित देवी माता का मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है।

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Sarad Asthana

Apr 15, 2016

sikri mata

sikri mata

गाजियाबाद। जिले के मोदीनगर के सीकरी खुर्द ग्राम में स्थित महामाया देवी की मान्यता है कि नवरात्ररों में केवल दर्शन करने से भक्तों की सभी मुरादे पूरी होती हैं। एनसीअार में ये मंदिर बेहद प्रसिद्ध है। मंदिर में स्थानीय लोगों के साथ दूरदराज के इलाकों से भी लोग आते हैं। सीकरी खुर्द गांव स्थित देवी माता का मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है। यहां प्रत्येक वर्ष नवरात्रों में माता का भव्य दरबार लगता है।

इस मंदिर में सभी देवी देवताओं की मूर्तियां लगी हुई हैं। हर वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन करने यहां आते हैं। भक्तों का ऐसा कहना है कि जो भी व्यक्ति नवरात्रों में माता के दर्शन करता है। माता उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। सीकरी महामाया देवी के दर्शन से हर दुख का अंत होता है। इसी आस्था के चलते लाखों लोग नवरात्रों में माता के दर्शन के लिए यहां आते हैं।

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बचपन से आ रहे दर्शन करने

सीकरी महामाया देवी के दर्शन के लिए वैसे तो पूरे एनसीआर से श्रद्धालु यहां आते हैं लेकिन ऐसे भी श्रद्धालु हैं, जो अपने बचपन से यहां हर साल माता के दर्शन के लिए आते हैं। उन्हीं में से एक हैं दिल्ली के रहने वाले नवीन है, जिनका कहना है कि वो बचपन से ही अपने माता पिता के साथ यहां प्रसाद चढ़ाने के लिए आते हैं। साथ ही बताया की महामाया देवी ने उनकी सभी मनोकामनाओं को पूरा किया है। यही वजह है की श्रद्धालु यहां दूरदराज से मन्नत मांगने आते है। मंदिर के इतिहास के बारे में लोगों का कहना है कि देवी का ये मंदिर सैंकड़ो सालों से यहां बना हुआ है और सीकरी गावं के बुजुर्गों का कहना है की पीढ़ी दर पीढ़ी से यहां माता का दरबार लगता आ रहा है। हर साल श्रद्धालु लाखों की सख्यां में यहां आते हैं।

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बकरे और मुर्गे की दी जाती है बलि

महामाया देवी मंदिर की मान्यता है कि मनोकामना पूर्ण करने के लिए या कहें की देवी को प्रसन करने के लिए यहां देवी को बकरे या मुर्गे की बलि भी दी जाती है। श्रद्धालुओं का ऐसा कहना है कि प्राचीन काल से ही लोग देवी को प्रसन्न करने के लिए यहां बलि देते आए हैं। साथ ही मंदिरा का भोग भी लागते हैं। बलि की ये परम्परा अब बंद कर दी गयी है लेकिन आज भी देवी को प्रसन्न करने के लिए मंदिर में देवी को शराब का भोग लगाया जाता है।

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