
लिंचिंग की घटनाओं से देश के खिलाफ बढ़ा आतंकी खतरा, बदला लेने की भड़क रही आग
हापुड़. देशभर में मुसलमानों के खिलाफ हुई लिंचिंग की घटनाओं के बाद अब देश पर आतंकी हमले का खतरा मंडराने लगा है। ये खुलासा किसी और ने नहीं, बल्कि खुफिया एजेंसी आईबी ने किया है। आईबी के मुताबिक कश्मीरी आतंकी जाकिर मूसा उत्तर प्रदेश के हापुड़ (पिलखुआ) में हुई मॉब लिचिंग का बदला लेने की रणनीति बना रहा था। इस सूचना के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। इसके साथ ही आईबी ने उत्तर प्रदेश में चौकसी कड़ी करने के लिए गाइडलाइन भी जारी की है। इसके बाद हापुड़ जिले में चौकसी बढ़ा दी है।
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दरअसल, पंजाब के जालंधर में गिरफ्तार आतंकी संगठन अंसार गजतुल हिंद से जुड़े तीन छात्रों में एक छात्र कुख्यात आतंकी जाकिर मूसा का रिश्ते का भाई है। वहीं, जालंधर के सीटी इंस्टीच्यूशन से गिरफ्तार हुआ आतंकी मोहम्मद रफीक भट्ट जैश-ए-मोहममद के आतंकी जाकिर मूसा का सगा भाई बताया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक छोटी उर्म में ही रफीक भट्ट को उसके पिता ने अपने भाई की गोद में डाल दिया था। जब मूसा जिहादी संगठन से जुड़ा तो उसने रफीक भट्ट को अपने साथ मिला लिया। ये लोग जालंधर में तीन साल से एजीएच के स्लीपर सेल के रूप में काम कर रहे थे।
जालंधर में पकड़े गए कुख्यात आतंकी मूसा के इन दो साथियों ने खुलासा किया है कि मूसा उत्तर प्रदेश के हापुड़ (पिलखुआ) में हुई मॉब लिचिंग के दौरान कासिम की हुई मौत का बदला लेने का मन बना रहा था। इन लोगों के इस कबूलनामे के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। इसके साथ ही प्रदेश में चौकसी कड़ी करनी के करने मद्देनजर आइबी ने गाइडलाइन भी जारी की है। इसके बाद हापुड़ के पुलिस अधीक्षक ने पंजाब के आला अधिकारियों से संपर्क करने के बाद जिले में चौकसी बढ़ा दी है।
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यह है हापुड़ लिंचिंग की पूरी कहानी
दरअसल, 18 जून को हापुड़ जिले के पिलखुवा थाना क्षेत्र में बझेड़ा खुर्द गांव में कथित गोकशी के आरोप में हिंसक भीड़ ने एक मुस्लिम शख्स कासिम की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। वहीं, उन्हें बचाने पहुंचे एक बुजुर्ग मुस्लिम समीउद्दीन को भीड़ ने बुरी से पीट-पीटकर अधमरा कर दिया था। इस दौरान मृतक कासिम के शव को पुलिस की मौजूदगी में भीड़ घसीटकर एम्बुलेंस तक ले गई थी। हालांकि, पुलिस ने इस मामले को रोडरेड बनाने की कोशिश की थी। लेकिन एक शख्स के जीवित बज जाने के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। इसके बाद इस मामले में कोर्ट ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर फटकार भी लगाई। ये मामला अब भी सुप्रीम कोर्ट में है। वहीं, इस घटना के चार आरोपी को केस कमजोर होने की वजह से जमानत मिल चुकी है। इस घटना में घायल हुए समीउद्दीन का करीब डेढ़ माह हापुड़ के एक निजी अस्पताल में इलाज चला। इलाज के बाद समीउद्दीन शारीरिक रूप से अब तो ठीक है, लेकिन इस घटना से उनके दिलोदिमाग में दहशत बन गई है। इसके चलते वह आजकल अपने एक रिश्तेदार के पास गाजियाबाद में रह रहे हैं।
Published on:
15 Oct 2018 06:10 pm
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