scriptइनवाइस एवं ई-वे बिल होने के बाद भी जीएसटी पर देना पड़ रहा ब्याज और जुर्माना | Traders' return is not being filed even after invoice and e-way bill | Patrika News
गाज़ियाबाद

इनवाइस एवं ई-वे बिल होने के बाद भी जीएसटी पर देना पड़ रहा ब्याज और जुर्माना

व्यापारियों को इनवाइस एवं ई-वे बिल होने के बावजूद रजिस्ट्रेशन सस्पेंड होने के कारण तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इससे तमाम वो व्यापारी परेशान हैं जिन्होंने वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) में पंजीकृत ऐसे तमाम अपना माल दूसरे कारोबारियों को बेचा है।

गाज़ियाबादNov 17, 2021 / 02:59 pm

Nitish Pandey

gst.jpg
गाजियाबाद. समय से रिटर्न नहीं भरने पर माल बेचने वाले व्यापारी को ब्याज और जुर्माना देना पड़ेगा। वहीं माल खरीदने वाले कारोबारी को भी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) का लाभ नहीं मिलेगा। शिकायत के बावजूद इस समस्या का समाधान नहीं हुआ है।
यह भी पढ़ें

कोरोना लॉकडाउन के बाद लौट रही है नोएडा मेट्रो में रौनक

जीएसटी में पंजीयन कराने वाले व्यापारियों की समस्याएं पूरी तरह से हल नहीं हो सकी है। हाल के दिनों में सैकड़ों ऐसे व्यापारी रिटर्न नहीं दाखिल कर सके है, जिनके पास जीएसटीएन पोर्टल से जारी 50 हजार रुपये से ज्यादा की इनवाइस एवं ई-वे बिल भी जनरेट है। कहा जा रहा है कि देनदारी (ड्यूज), रिटर्न दाखिल न करने अथवा विभागीय कार्रवाई के कारण उनका रजिस्ट्रेशन निरस्त हो गया है। इसलिए पोर्टल रिटर्न स्वीकार नहीं कर रहा है।
उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष आंशु शर्मा का कहना है कि जिस व्यापारी ने माल बेचा एवं जिसने खरीदा है, उसका पंजीयन निलंबित होने पर पोर्टल पर खरीद नहीं दिखनी चाहिए। बेचे गए माल पर ही रिटर्न नहीं भर पाना जीएसटी काउंसिल की विसंगति है। काउंसिल को इस समस्या का निराकरण कराना चाहिए, अन्यथा रजिस्ट्रेशन बहाल नहीं होने तक न विक्रेता रिटर्न भर सकेगा न ही क्रेता को आइटीसी मिलेगी।
ये है जीएसटीआर-1

जीएसटीआर-1 में व्यापारियों को हर महीने की 11 तारीख तक अपने माल की बिक्री का विवरण भरना होता है। व्यापारी नेता केके अग्रवाल और जयकृष्ण कहते है कि बड़ी मिलें भी इस समस्या से प्रभावित हो सकती हैं।

Home / Ghaziabad / इनवाइस एवं ई-वे बिल होने के बाद भी जीएसटी पर देना पड़ रहा ब्याज और जुर्माना

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो