गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही राजनीतिक दलों में उठापठक की दौड़ शुरू हो गई है। टिकटों की आस में प्रत्याशी एक संगठन से दूसरे का दामन थाम रहे हैं। गाजियाबाद में भी बसपा के 15 साल तक मजबूत नेता और पूर्व विधानसभा प्रत्याशी ने करारा झटका दिया है। अपने समर्थकों के साथ में शमशाद चौधरी ने रालोद का दाम दामन थामा। रालोद के पश्चिमी यूपी अध्यक्ष ने गुरुवार को पार्टी में उनकी ज्वाईनिंग कराई। महानगर और जिला संगठन ने एक प्रेस कान्फ्रेंस के जरिए खुलासा किया।
पचास समर्थक साथ गए
पश्चिमी यूपी अध्यक्ष मुंशीलाल ने बताया कि बसपा के दो बार जिलाध्यक्ष और साहिबाबाद विधानसभा सीट से प्रत्याशी रहे शमशाद चौधरी ने अपने पचास से अधिक समर्थकों के साथ में रालोद ज्वाइन कर ली है। इसके अलावा बहुत जल्द बसपा के कई और बड़े पदाधिकारी रालोद के साथ जुड़ सकते हैं। बहुत जल्द उन्हें भी सदस्यता ग्रहण कराई जाएगी।
भाजपा और बसपा के वोटर को नुकसान पहुंचाने की तैयारी
ऐसा माना जा रहा है कि बसपा के पूर्व प्रत्याशी ने विधानसभा चुनाव में टिकट के लिए पार्टी का दामन थामा है। रालोद के सूत्रों के अनुसार साहिबाबाद विधानसभा में मुस्लिम वोटरों की खासा तादाद है। ऐसे में अगर शमशाद को टिकट दिया जाता है तो वहां पर भाजपा और बसपा के वोटर को नुकसान पहुंच सकता है। ऐसे में अगर किसी राजनीतिक दल के साथ में गठबंधन होता है तो इसका सीधा फायदा उन्हें मिलेगा।
गठबंधन और प्रत्याशियों की जल्द होगी घोषणा
महानगर अध्यक्ष रामानंद गोयल ने बताया कि रालोद भी बहुत जल्द अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर सकता है। केन्द्रीय नेतृत्व की सभी राजनीतिक दलों के साथ में बैठक चल रही है। संगठन साथ में आने वाले लोगों का स्वागत करता है। तीन दिन के भीतर इस पर फैसला आ जाएगा। गाजियाबाद की सभी विधानसभाओं के लिए 20 प्रत्याशियों ने दावा ठोका है।
हरित प्रदेश होगा चुनावी मुद्दा
रालोद ने एक बार फिर से हरित प्रदेश को अपना मुद्दा बनाने की ठानी है। पश्चिमी यूपी अध्यक्ष मुंशीराम के मुताबिक रालोद हमेशा से किसानों के मुद्दे को लेकर लड़ा है। इस बार भी मुद्दे वहीं रहेगें। पश्चिमी यूपी में गठबंधन होने के बाद भी 70 सीटों पर रालोद चुनाव लड़ेगी।