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…जब छात्रों ने सड़क पर ही लगा दी क्लास, पंचायत से लेकर अफसरों तक मची खलबली

Gonda: यूपी के गोंडा जिले में मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद यूनिवर्सिटी अब दूसरे जनपद में बनने की खबरों के बीच छात्र युवा, शिक्षक, अभिभावक, लगातार आंदोलन कर रहे हैं। छात्र अब यूनिवर्सिटी के लिए जगह-जगह पंचायत लग रहे हैं। व्यापक रूप से हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है। अवध केसरी सेना के पदाधिकारी धरना दे चुके हैं।

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यूपी के गोंडा जिले में छात्र नेता शिवम की अगुवाई में लगातार गांव कस्बे में यूनिवर्सिटी की मांग को लेकर पंचायत लगाई जा रही है। छात्र पंचायत के 15वें दिन मुख्यालय के अंबेडकर चौराहे पर छात्रों ने यूनिवर्सिटी की मांग को लेकर सड़क पर क्लास लगा दिया।

गोंडा मंडल मुख्यालय पर यूनिवर्सिटी की मांग को लेकर लगातार छात्रों की पंचायत जारी है। छात्रों की यह पंचायत 50 दिनों तक जिले के कोने-कोने में यूनिवर्सिटी की मांग को लेकर यहां आंदोलन चलेगा। आंदोलन के 15वें दिन छात्र नेता शिवम पांडे की अगवाई में अंबेडकर चौराहे पर छात्रों ने सड़क पर क्लास लगा दिया। छात्र नेता शिवम पांडे ने बताया कि हम लोग लगातार यूनिवर्सिटी की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन और लगभग 25 हजार पत्र भी लिखा जा चुका है। उन्होंने कहा कि अभी तक गोंडा के जितने कॉलेज हैं। वह डॉक्टर राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय से संबद्ध है। यदि किसी कारण बस किसी छात्र के अंक पत्र में किसी भी प्रकार की त्रुटि हो जाती है। तो हम लोगों से दो से तीन हजार रुपए लेकर विद्यालय उसे ठीक करता है। कहा कि हम लोग पढ़ने लिखने वाले छात्र हैं। बार-बार यूनिवर्सिटी तो जा नहीं पाएंगे। मुख्यमंत्री ने मंडल मुख्यालय पर विश्वविद्यालय निर्माण की घोषणा किया था। मेरा मुख्यमंत्री से निवेदन है कि हम लोग इतने दिन से परेशान हैं। आप सूबे की मुखिया हैं। मंडल मुख्यालय पर विश्वविद्यालय निर्माण की घोषणा किया था। इसके लिए जमीन भी चिन्हित हो गई थी। उन्होंने कहा कि सभी छात्रों की तरफ से हम कह रहे हैं। आने वाली पीढियां के लिए गोंडा में यूनिवर्सिटी का निर्माण करा दीजिए। इस जनपद के साथ हमेशा छल होता रहा है। यहां डीआरएम ऑफिस बनना था। वह भी यहां से शिफ्ट हो गया। हम यहां के अधिवक्ताओं को धन्यवाद देते हैं। जिन्होंने आंदोलन करके यहां पर मंडल मुख्यालय बनवाया, अब जब विश्वविद्यालय गोंडा में बनने की घोषणा हो गई। जमीन भी चिन्हित कर ली गई। पैसे का आवंटन कर दिया गया। अब विश्वविद्यालय को अलग ट्रांसफर किया जा रहा है। इसी को लेकर हम लोग धरने पर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन का 15 दिन है। हमारा आंदोलन लगातार 50 दिनों तक चलेगा। अगर उसके बाद भी विश्वविद्यालय यहां नहीं बनता है। तो हम जीवन के अपने अंतिम सांस तक संघर्ष करते रहेंगे। अगर हमें दो विकल्प दिए जाते हैं। तो भी हम यूनिवर्सिटी को ही चुनेंगे।