गोण्डा. शहर के गांधी पार्क में जिले के शिक्षामित्रों भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा। शिक्षामित्रों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद सहायक अध्यापक के पद पर शिक्षामित्रों का समायोजन तो सरकार ने रद्द कर दिया, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय का आदेश नहीं माना।
शिक्षामित्रों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने खुली भर्ती में शिक्षामित्रों को उम्र में छूट देने और प्रतिवर्ष नियुक्ति में 10 प्रतिशत वेटेज देने का निर्देश दिया था। लेकिन भाजपा ने केवल उत्तर प्रदेश में टीईटी के उपरांत एक और लिखित परीक्षा जोड़ कर पासिंग मार्क लाना अनिवार्य कर दिया। जबकि टीईटी के बाद परीक्षा का प्रावधान देश के अन्य किसी प्रदेश में नहीं है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में कुल 3269 शिक्षामित्र हैं। इसमें 194 बेसिक शिक्षा परिषद के तहत हैं, जिन्हें अगस्त 2017 मानदेय नहीं मिला है। जबकि 127 शिक्षामित्र खुली भर्ती में गोण्डा से नियुक्त हो गए थे, जबकि पूरे प्रदेश से खुली भर्ती में लगभग 3700 शिक्षामित्र नियुक्त हो गए हैं।
मृतक शिक्षामित्रों को दी श्रद्धांजलि
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षामित्रों का जब सहायक अध्यापक के पद से समायोजन रद्द कर दिया गया था, बड़ी संख्या में शिक्षामित्रों ने आत्महत्या कर ली थी। आज शिक्षामित्रों ने मोमबत्ती जलाकर मृतक 426 शिक्षामित्रों को श्रद्धांजलि दी। श्रद्धांजलि देते समय अधिकांश शिक्षामित्रों की आंखों में आंसू भरे हुए थे। इस दौरान शिक्षामित्रों ने दो मिनट का मौन भी रखा।