गोरखपुर। बीआरडी आक्सीजन कांड के आरोपी डाॅ.कफील खान ने आरोप लगाया है कि प्रशासनिक अक्षमता का ठीकरा डाॅक्टरों पर फोड़ा गया है। मेडिकल काॅलेज में आक्सीजन कांड की वजह एडमिनिस्ट्रेटिव फेल्योर है। बड़े लोगों को बचाने के लिए डाॅक्टरों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है। कफील ने जेल में जान को खतरा बताया है।
डाॅ.कफील ने कहा कि मेडिकल काॅलेज में आक्सीजन के बकाया भुगतान के लिए जब शासन से धन आया ही नहीं तो भुगतान कैसे होता। धन तो शासन को देना था लेकिन अपनी गलतियों पर पर्दा डालने के लिए उनको फंसाया गया है।
डाॅ.कफील गुरुवार को जिला अस्पताल के हृदय रोग विभाग में लाए गए थे।
स्पेशल कोर्ट के आदेश पर कफील को मिल रही मेडिकल ट्रीटमेंट
स्पेशल कोर्ट के निर्देश पर डाॅक्टर कफील को चिकित्सीय सुविधा मुहैया कराई जा रही है। डाॅ.शाबिस्ता की गुहार पर डाॅ.कफिल के वकील ने स्पेशल कोर्ट में अर्जी देकर चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने जेल प्रशासन को निर्देश दिया है कि डाॅ.कफिल को सभी आवश्यक चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराई जाए। इलाज में किसी प्रकार की कोताही न हो।

डाॅ.कफील की पत्नी ने जताई थी पति के जान की आशंका
डाॅ.कफील की पत्नी डाॅ.शाबिस्ता ने आरोप लगाया था उनके पति को फंसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कि आक्सीजन कांड के बड़े लोगों को बचाने के लिए उनके पति को फंसाया गया है। वह बेकसूर हैं। आठ महीने से जेल में हैं। उनको मारने की साजिश रची जा रही है। हार्ट अटैक के बावजूद जेल प्रशासन मेडिकल ट्रीटमेंट नहीं करा रहा। कहा कि बड़े लोग फंस न जाएं इसलिए जेल में बेकसूर डाॅक्टरों को मारने की साजिश रची जा रही। मानवता के नाते भी जरूरी चिकित्सीय सुविधा किसी को नहीं मिल पा रही। उन्होंने बताया कि 29 मार्च को उनके पति को दिल का दौरा पड़ा था। लेकिन जेल प्रशासन न जाने किसके दबाव में सही इलाज नहीं करा रहा।
आक्सीजन कांड के अन्य डाॅक्टरों को भी मारने की साजिश!
डाॅ.कफील की पत्नी ने आरोप लगाया कि यही हाल इस कांड के आरोपी पूर्व प्राचार्य डाॅ.राजीव मिश्र व उनकी पत्नी का है। डाॅ.मिश्र को कई गंभीर बीमारियां हैं लेकिन उनका इलाज नहीं कराया जा रहा। उनकी पत्नी पूर्णिमा शुक्ला को फ्रैक्चर है लेकिन जेल प्रशासन इलाज नहीं करा रहा।
शाबिस्ता ने एनआरएचएम घोटाले में डाॅक्टरों की जेल में हत्या जैसी साजिश आक्सीजन कांड के आरोपियों संग रचने की आशंका जताई है। उन्होंने कहा कि आठ महीने के बाद भी डाॅक्टर न्याय के लिए भटक रहे जबकि बड़े लोग बाहर हैं। मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की आपूर्ति रोकने वाले को जमानत मिल चुकी है और जिन्होंने बच्चों की जान बचाने की कोशिश की वह सलाखों के पीछे डाल दिए गए।
उन्होंने आरोप लगाया कि बीआरडी आक्सीजन कांड में बड़े पदों पर आसीन लोग जिम्मेदार थे लेकिन उनको बचाने के लिए डाॅक्टरों को बलि का बकरा बनाया गया।
डाॅ.कफिल का वनज लगातार घट रहा लेकिन कोई नहीं सुन रहा
डाॅ.शबिस्ता खान ने बताया कि उनके पति डाॅ.कफिल का वनज लगातार घट रहा। आठ किलो वेट घटने के बाद भी जेल प्रशासन लापरवाह बना हुआ है। जिस बैरक की क्षमता 60 कैदियों की है वहां 150 कैदियों को रखा गया है, ऐसे बैरक में कफिल को रखा गया है। डाॅ.शाबिस्ता ने बताया कि उनके पति हृदयरोगी हैं लेकिन मानवता के नाम पर भी उनके साथ न्याय नहीं हो रहा।