
शिवभक्त अब फोटो को देखकर शिव पुराण को पढ़ सकेंगे। शिवरात्रि से इसकी छपाई का काम शुरू हो जाएगा, जिसे एक विशेष प्रकार के आर्ट पेपर पर छापने की तैयारी है। इसकी जानकारी गीता प्रेस के प्रबंधक ने दी।
प्रबंधक लालमणि तिवारी बोले-किसी के पास नहीं ऐसी पुस्तक
गीता प्रेस के प्रबंधक लालमणि तिवारी ने बताया, “जैसे वैष्णव लोगों में भगवद्गीता की लोकप्रियता है। वैसे ही शैव लोगों में शिव पुराण का महत्व है। गीता प्रेस से अब तक शिवपुराण की कई भाषाओं में लाखों प्रतियां छप चुकी हैं।”
सचित्र शिव पुराण के पेज और मूल्य का निर्धारण अभी नहीं हुआ है।
इसके बाद श्रीमद्भगवद्गीता, श्रीरामचरितमानस, दुर्गा सप्तशती, सुंदरकांड और अब शिव पुराण को छापने के तैयारी चल रही है। लालमणि तिवारी ने बताया, “इस तरह की पुस्तकों की भारी डिमांड है।
लोग गीता प्रेस से ही अपेक्षा करते हैं, क्योंकि हमारे पास चित्रों का जितना संग्रह है, उतना शायद किसी के पास नहीं। सचित्र शिव पुराण के पेज और रेट अभी तय नहीं हुआ है।”
भाषाओं के लिहाज से शिवपुराण प्रकाशन के आंकड़े
शिवपुराण के अब तक के प्रकाशित आंकड़ों की यदि बात करें तो कुल 22 लाख 27 हजार प्रतियां हिंदी, गुजराती, बांग्ला, तेलुगू, कन्नड़, तमिल और उड़िया भाषा मिलाकर प्रकाशित हो चुकी हैं। गीता प्रेस से अब तक कुल 7 भाषाओं में शिव पुराण का प्रकाशन हो चुका है, जिनमें सबसे ज्यादा हिंदी भाषा में प्रकाशन हुआ है।
Published on:
27 Jan 2023 07:41 pm
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