
मिशन 2019 के लिए प्रदेश में भाजपा इस कार्ड के बहाने तेज करेगी अपनी सियासी धार
किसानों की आय दोगुना कर उन्हें लाभ में लाने की घोषणा के बाद सरकारी दावे लगातार हो रहे लेकिन पिछली सरकार की तुलना में किसानों को मिलने वाले उपकरण अनुदान राशि कम होने से किसानों की इसमे रुचि कम हो गयी है। शायद यही वजह है कि मांग करने वाले किसान भी अब इसे लेने में रुचि नहीं दिखा रहे। किसानों के इस रवैया से कृषि विभाग भी परेशान है।
कृषि उप निदेशक कार्यालय को आवंटित सोलर पंप अब विभाग के गले की हड्डी हो गयी है। कुछ दिनों पहले तक ऑनलाइन फार्म भर डिमांड करने की बात कहने वाला विभाग अब 'पहले बैंक ड्राफ्ट लाओ, पहले सोलर पम्प पाओ' के आधार पर आवंटन को मजबूर है।
गोरखपुर मंडल के चारों जिलों कुशीनगर, देवरिया, महराजगंज और गोरखपुर में किसानों को विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। इसमें सोलर पम्प से सिंचाई की सुविधा भी शामिल है। इस योजना के तहत किसानों को पहले ऑनलाइन आवेदन करने को कहा गया था। इस आवेदन के आधार पर वरीयता क्रम में सोलर पम्पों का आवंटन होता रहा है, लेकिन अब विभाग ने इस योजना को 'पहले बैंक ड्राफ्ट लाओ, पहले सोलर पम्प पाओ' के रूप में लागू कर दिया है। बावजूद इसके किसानों की आवक काफी धीमी है। इतना ही नहीं, जिन किसानों ने पहले ऑनलाइन आवेदन कर सोलर पंप की डिमांड की थी, वे भी इसमे रुचि नहीं दिखा रहे हैं। जानकारों की मानें तो इसका प्रमुख कारण अनुदान राशि का कम होना और किसान हिस्सा का बढ़ाया जाना है।
कुशीनगर जिले में इस समय तक 377 सोलर पम्पों में से विभाग ने केवल तकरीबन 135 किसानों को ही अनुदान पर सोलर पम्प आबंटित किये हैं, जबकि गोरखपुर में भी दो हार्सपावर के 100 सोलर पम्पों की बिक्री के लिए किसानों की दरकार है।
अब गोरखपुर के जिलाधिकारी ने आगे बढ़ते हुए किसानों से अपना पंजीकरण 'पहले बैंक ड्राफ्ट लाओ, पहले सोलर पम्प पाओ' के आधार पर कराने की अपील की है। विभागीय अधिकारी और कर्मचारी भी इस बावत किसानों से लगातार संपर्क साध रहे हैं। बावजूद इसके कोई खास सफलता नहीं मिल रही है।
इस नाम से बनेगा बैंक ड्राफ्ट
'पहले बैंक ड्राफ्ट लाओ, पहले सोलर पम्प पाओ' योजना का लाभ लेने वाले किसानों को 'मेसर्स प्रीमियर सोलर सिस्ट्मस प्रा. लि.' के नाम सिकन्दराबाद, तेलंगाना को बैंक ड्राफ्ट भेजना है। इतना ही नहीं, किसानों को इसे कृषि विभाग के पोर्टल पर स्वयं अपलोड करने की सुविधा भी दी गयी है, जबकि पहले ड्राफ्ट को विभागीय कार्यालय में जमा करना होता था।अब भी पोर्टल पर ड्राफ्ट को अपलोड करने के बाद बैंक ड्राफ्ट का मूल उप कृषि निदेशक कार्यालय में जमा कर अनुदान पर सोलर पम्प प्राप्त करेंगे।
इतना बढ़ा कृषक अंश
- दो हार्स पावर पर पहले कृषकों का अंश 23000 रुपये निर्धारित था, लेकिन अब इसे बढ़कर 50820 रुपये कर दिया गया है। ऐसे ही तीन हार्सपावर पर 63000 रुपये को बढ़ाकर 80 हजार 997 रुपये और पांच हार्सपावर पर तकरीबन 02 लाख से बढ़ाकर 02 लाख 05 हजार 200 कर दिया गया है
Published on:
13 Aug 2018 12:37 pm
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