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बीआरडी मेडिकल काॅलेज में आक्सीजन सप्लाई बाधित होने के बाद हुई मासूमों की मौत के आरोप में जेल में बंद पूर्व प्राचार्य डाॅ.राजीव मिश्र सोमवार की शाम को जेल से रिहा हो गए। करीब दस महीने के बाद जेल से रिहा हुए डाॅ.राजीव मिश्र के स्वागत के लिए परिवारीजन के अलावा बड़ी संख्या में बीआरडी मेडिकल काॅलेज के डाॅक्टर्स व प्रोफेसर्स मौजूद रहे।
जेल से रिहा होने के अंतिम क्षण पूर्व प्राचार्य के लिए काफी भावुक क्षण रहे। करीब दस महीने से जेल में भी एक साथ रह रहे पति-पत्नी को बिछड़ना पड़ा। पूर्व प्राचार्य की पत्नी डाॅ.पूर्णिमा को अभी जमानत का इंतजार है। पति को छोड़ने के लिए वह जेल गेट तक आईं। इस दौरान दोनों की आंखेें नम थी। बाहर पूर्व प्राचार्य के बेटे व भाई इंतजार कर रहे थे। बाहर निकलते ही परिवारीजन भावुक हो गए। उनके मिलने वालों का तांता लग गया। मीडिया ने डाॅ.राजीव से बातचीत करने की असफल कोशिश भी की।
बीते दिनों सुप्र्रीम कोर्ट ने दी थी जमानत
सुप्रीम कोर्ट ने तीन जुलाई को बीआरडी मेडिकल काॅलेज के पूर्व प्राचार्य डाॅ.राजीव मिश्र को जमानत दी थी। वह करीब दस महीने से जेल में बंद थे। बचाव पक्ष के वकील ने माननीय न्यायालय को दलील दी थी कि जिस आरोप में उनके मुवक्किल को जेल में रखा गया है उस आरोप से सरकार खुद इत्तेफाक नहीं रखती। सरकार अपनी रिपोर्ट में यह खारिज कर रही है कि आक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत हुई है।
तीन आरोपियों को पहले ही मिल चुकी है जमानत
आक्सीजन कांड के आरोपियों में शामिल आक्सीजन सप्लायर मनीष भंडारी, बीआरडी मेडिकल काॅलेज के डाॅक्टर रहे डाॅ.कफील अहमद खान और डाॅ.सतीश कुमार को पहले ही विभिन्न अदालतों से जमानत मिल चुका है। पुष्पा सेल्स के मालिक मनीष भंडारी को सबसे पहले जमानत सुप्रीम कोर्ट ने दी थी। इसके बाद डाॅ.कफील अहमद खान और डाॅ.सतीश कुमार को बारी-बारी से उच्च न्यायालय इलाहाबाद से जमानत मिल गई।
Published on:
10 Jul 2018 07:07 am
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