27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Indian Railway अगर आप अकेली हैं और बिना टिकट ट्रेन में यात्रा कर रही हैं तो टीटीई नहीं कर सकता यह काम

रेलवे का एक ऐसा नियम जो तीन दशक पहले लागू हुआ लेकिन अधिकतर लोग भूल चुके

2 min read
Google source verification
Indian railway

गोरखपुर। रेलवे अपने यात्रियों को अधिक से अधिक सहूलियतें देने की कोशिश में है। रेलवे के कई कानून हैं जिनका पालन जानकारी के अभाव में नहीं हो पाता। कोई भी टीटीई किसी भी महिला जो बिना टिकट अकेली सफर कर रही हो उसे ट्रेन से नहीं उतार सकता। रेलवे ने खुद ही यह नियम बनाई थी लेकिन कई दशक पुराने इस नियम को खुद रेलवे भी भुल चुका था। परंतु अब रेलवेे बोर्ड इस नियम का सख्ती से पालन कराने जा रहा है।
दरअसल, रेलवे के नियमों के अनुसार ट्रेन में अकेली सफर कर रही महिला यदि बिना टिकट भी यात्रा कर रही है तो उसे ट्रेन से नीचे नहीं उतारा जा सकता। इस नियम के पीछे यह मंशा है कि अगर बिना टिकट यात्रा कर रही महिला को बेटिकट होने के आरोप में किसी स्टेशन पर उतार दिया गया और उसके साथ कोई अनहोनी हो गई तो किसकी जिम्मेदारी बनेगी। या वह किसी मुसीबत में भी फंस सकती है। इसलिए रेलवे ने नियम बनाए कि बिना टिकट यात्रा कर रही अकेली महिला को यात्रा करने दी जाए, उसे सुरक्षित गंतव्य स्टेशन पर जाने दिया जाए। कोई टीटीई या अन्य रेलवे का जिम्मेदार उसे किसी अन्य स्टेेशन पर उतरने को बाध्य नहीं कर सकता।

यही नहीं अगर महिला आरक्षित कोच में सफर कर रही है और उसका सीट कन्फर्म नहीं हुआ है और वेटिंग लिस्ट में नाम है। तो वेटिंग टिकट लेकर यात्रा कर रही महिला को भी कोच से बाहर नहीं निकाल सकते हैं। वह भी वेटिंग टिकट पर यात्रा कर सकती है।
अपने महिला यात्रियों को रेलवे ने इतनी ही सहूलियतें नहीं दी है। अगर महिला स्लीपर की टिकट ली है और वह एसी-3 में यात्रा कर रही है तो उससे केवल टीटीई अनुरोध कर सकता है कि वह स्लीपर कोच में जाए। उसके साथ जबर्दस्ती करके दूसरे कोच में नहीं भेजा जा सकता है।
रेलवे ने महिला रेल यात्री के लिए रेलवे मैनुअल में 1989 में यह नियम बनाया था। लेकिन समय के साथ इस नियम को सभी भूल चुकेे हैं। अधिकतर रेलवे कर्मचारियों व अधिकारियों को ही यह याद नहीं। फिलहाल, रेलवे बोर्ड अपने इस नियम को सख्ती से लागू करने की प्रक्रिया में है ताकि महिलाओं के साथ यात्रा में किसी प्रकार का दुव्र्यवहार न होे सके।