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पीड़ित पिता की अखिलेश यादव को दो टूक…मेरा दामाद बेरोजगार नही था, एक लाख से अधिक थी तनख्वाह

अखिलेश यादव को गोरखपुर की एक दर्दनाक घटना पर ट्वीट करना भारी पड़ गया है। बता दें की रविवार को शहर के प्रतिष्ठित डॉक्टर के बेटी और दामाद ने सुसाइड कर लिया। इस घटना के बाद पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ट्वीट कर दिया की MBA पास युवक बेरोजगारी के कारण सुसाइड किया। इस ट्वीट से आहत पिता ने अखिलेश यादव की निंदा की है।

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गोरखपुर की एक दर्दनाक घटना ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया। शहर के प्रतिष्ठित डॉक्टर के दामाद और बेटी द्वारा एक के बाद एक सुसाइड कर लेने से परिवार में कोहराम मचा है। बता दें की इस घटना के बाद पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ट्वीट किया की मृत युवक बेरोजगारी के कारण आत्महत्या कर लिया यह BJP सरकार की नाकामी है। इसके बाद दामाद और बेटी के इस अधातिक कदम से आहत डॉक्टर राम शरण दास ने अखिलेश यादव को दो टूक कहा कि उनका दामाद बेरोजगार नही था, वह मुंबई में एक लाख से अधिक की तनख्वाह पाता था, डॉक्टर ने बुजुर्ग होने के नाते अपने देखरेख के लिए दामाद को खुद गोरखपुर बुला लिए थे।

पति और पत्नी के सुसाइड से परिवार में मचा कोहराम

बता दें की पटना के हरीश बागेश और गोरखपुर की संचिता श्रीवास्तव स्कूल के दिनों से ही एक-दूसरे को पसंद करते थे तथा आखिरकार उन्होंने शादी कर ली।हालांकि, एमबीए करने के बाद मुंबई में एक निजी बैंक में काम कर रहे हरीश ने वाराणसी में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पति की मौत से आहत संचिता ने भी गोरखपुर में अपने पिता के घर की छत से कूदकर अपनी जान दे दी।

इस दंपत्ति की आत्महत्या से दोनों परिवारों में मातम छा गया है। पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक, हरीश और संचिता वाराणसी के एक स्कूल में साथ-साथ पढ़ते थे, जहां 11वीं कक्षा के चलते दोनों में प्यार हो गया और बाद में दोनों ने शादी कर ली। संचिता की बिगड़ती सेहत के बाद, उसके पिता और गोरखपुर के प्रसिद्ध डॉक्टर रामचरण दास उसे उपचार के लिए अपने गृहनगर वापस ले आए, जबकि हरीश ने कई महीनों तक गोरखपुर में अपनी पत्नी की देखभाल के लिए बैंकिंग की नौकरी छोड़ दी। कतिपय अज्ञात कारणों से वह कथित तौर पर वह गहरे अवसाद से ग्रस्त हो गया तथा नशे का आदी भी हो गया था। हाल ही में, वह गोरखपुर में अपने ससुराल से पटना में अपने माता-पिता के पास लौटने का दावा करते हुए निकला, लेकिन इसके बजाय वह वाराणसी चला गया।

चिंतित रिश्तेदारों ने आखिरकार उसे वाराणसी के पास सारनाथ में एक कमरे में लटका हुआ पाया। हरीश की मौत की खबर मिलते ही, संचिता के पिता और डॉ. रामचरण दास वाराणसी पहुंचे। हालांकि, अपने पति की मौत की खबर सुनकर, संचिता दुख बर्दाश्त नहीं कर सकी और दुखद रूप से उसने आत्महत्या कर ली। कुछ ही देर बाद उसका शव घटनास्थल पर मिला।

सारनाथ में हरीश के शव की पहचान पुलिस ने उसके आधार कार्ड से की और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। शुरुआती जांच से पता चलता है कि हरीश अवसाद से जूझ रहा था और उसे नशीले पदार्थों की लत लग गई थी। फिलहाल पुलिस द्वारा मामले की आगे की तहकीकात की जा रही है।


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