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विदेशी मॉडल की मदद से पाकिस्तान ने डाले थे भारतीय अधिकारियों व व्यापारियों पर डोरे, यह है हनीट्रैप का पूरा मामला

माॅडलिंग की आड़ में भारतीय व्यापारियों-अधिकारियों से बनाए मधुर संबंध

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Daria Molchan

Daria Molchan

गोरखपुर। विदेशी माॅडल्स व सुंदरियों को भेजकर देश की संवेदनशील सूचनाएं पाने की फिराक में पड़ोसी देश हर तरीका अपना रहे हैं। गोरखपुर में पकड़ी गई यूक्रेन की माॅडल डोरिया मोलचन से खुफिया विभाग कुछ खास तो हासिल नहीं कर सका है लेकिन शक की सुई पाकिस्तान कनेक्शन तक पहुंच रही है। हालांकि, यह बात तो साफ है कि पड़ोसी मुल्क हिन्दुस्तान की अमन-शांति को भंग करने के लिए आतंकी वारदातों को अंजाम तो दे ही रहा हनीट्रैप में फंसाकर जरूरी सूचनाएं भी बड़े आराम से पा ले रहा।
यूक्रेन की माॅडल डारिया मोलचन को बीते दिनों गिरफ्तार किया गया था। वह कुछ कारोबारियों की मदद से गोरखपुर के पार्क रिजेंसी होटल में ठहरी हुई थी। एसटीएफ ने डोरिया को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में पता चला कि वह दिल्ली की एक एजेंसी द्वारा माॅडलिंग के लिए टूरिस्ट वीजा पर बुलाई जाती रही है। इसी बीच एक क्लब में इमशान और कासिफ से मुलाकात हुई, फिर क्लब जाने का सिलसिला बढ़ गया। इमरान पुलवामा का रहने वाला है। नई दिल्ली के एक दूसरे क्लब में डारिया की मुलाकात गोरखपुर के कारोबारी अनुज पोद्दार, अब्दुल, रोहित, राहुल और पुपसिक से हुई थी। अब्दुल भी पुलवामा का रहने वाला है।
डोरिया ने एसटीएफ को बताया था कि माॅडलिंग के बाद वह वापस अपने देश चली गई। इसी बीच 28 दिसंबर 2017 को आना चाहा तो पता चला कि उसका वीजा ब्लैकलिस्टेड हो गया था। फिर उसने अपने पुराने जानने वालों से संपर्क किया। बताया कि पासपोर्ट ब्लैक लिस्ट हो चुका है। वीजा भी नहीं है। गोरखपुर के कारोबारी अनुज सहित अन्य ने उसकी मदद की। नेपाल के रास्ते गोरखपुर बुला लिया गया।
डारिया के अनुसार वह यूक्रेन से नेपाल आई, फिर सड़क के रास्ते नेपाल से गोरखपुर आ गई। नई दिल्ली से फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस बनवाया, फिर नई दिल्ली सहित भारत के अलग-अलग शहरों में जाने लगी।

हनीट्रैप में व्यापारी से लेकर अधिकारी तक

यूक्रेन की माॅडल डारिया की गिरफ्तारी के बाद खुफिया एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं। हालांकि, अभी तक कुछ गंभीर बातें निकलकर सामने नहीं आई हैं। लेकिन एजेंसियों कोई कोर कसर छोड़ना नहीं चाहती हैं। यह बात तो साफ है कि डारिया के मोहपाश में गोरखपुर से लेकर दिल्ली-कोलकाता सहित कई बड़े शहरों के महत्वपूर्ण लोग फंसे हुए थे। लेकिन अभी तक यह साफ नहीं है कि कोई सूचना तो देश से बाहर नहीं पहुंच गया। खुफिया तंत्र डारिया के कनेक्शनों की भी पड़ताल कर रहा। क्योंकि उसके मददगारों में कुछ कश्मीर के भी लोग शामिल हैं।

डारिया के फोन व टैब की पड़ताल फाॅरेंसिक लैब में हो रही

एसटीएफ व खुफिया एजेंसियों ने डोरिया के मोबाइल फोन व टेबलेट को कब्जे में लेकर फाॅरेंसिक लैब में भेज दिया है। उसके मोबाइल व टेब में तस्वीरों के आधार पर कईयों पर नजर रखी जा रही। एजेंसियां यह थाह ले रही हैं कि यह सिर्फ देहव्यापार का मामला है या देश से जुड़े संवेदनशील दस्तावेजों को हासिल करने के लिए हनीट्रैप का।


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